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सरकार की मीटिंग में तो शामिल हुए टीएमसी, कांग्रेस की बुलाई बैठक को ममता बनर्जी ने कहा ना...

Written by  Vinod Kumar -- November 28th 2021 06:48 PM -- Updated: November 28th 2021 06:50 PM
सरकार की मीटिंग में तो शामिल हुए टीएमसी, कांग्रेस की बुलाई बैठक को ममता बनर्जी ने कहा ना...

सरकार की मीटिंग में तो शामिल हुए टीएमसी, कांग्रेस की बुलाई बैठक को ममता बनर्जी ने कहा ना...

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) से पहले कांग्रेस और टीएमसी (TMC) की तकरार एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, इस सत्र से पहले विपक्ष की रणनीति तय करने के मकसद से कांग्रेस ने सभी विपक्षी पार्टियों की एक बैठक बुलाई थी, जिससे तृणमूल कांग्रेस ने किनारा कर लिया, लेकिन टीएमसी ने सरकार की ओर से बुलाई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया था। आपको बता दें कि कुछ समय से कांग्रेस और टीएमएसी में खूब खींचतान चल रही है। ये खींचतान लंबे समय से चल रही है। दोनों उस समय आमने सामने आए जब कुछ ही दिन पहले मेघालय में कांग्रेस के 17 में 12 विधायक टीएमसी में शामिल हुए हैं। इनमें राज्‍य के पूर्व सीएम मुकुल संगमा भी शामिल हैं। ये सभी कुछ ऐसे समय में हुआ जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata banarjee) दिल्‍ली में डेरा डाले हुए थीं। कहा जा रहा था‍ कि वो कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी, लेकिन ममता बनर्जी ने कहा था कि दिल्ली में होने का मतलब ये नहीं है कि मैं सोनियां गांधी से मुलाकात करुं। कांग्रेस और टीएमसी में दूरी की केवल यही वजह नहीं है बल्कि इसके पीछे कुछ और भी वजह हैं। इसमें एक बड़ी वजह कांग्रेस का वो आरोप भी है जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर आंदोलन को जीत की कगार पर पहुंचाने का काम किया और अब टीएमसी झूठे ही उसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। नवंबर की शुरुआत में ही टीएमसी और कांग्रेस के बीच उस वक्‍त तीखी बयानबाजी सामने आई थी जब खुद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि कांग्रेस ने कभी भाजपा के खिलाफ लड़ाई की ही नहीं। इसी वजह से उन्‍होंने कांग्रेस को छोड़ा था। इसके जवाब में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने ममता को राजनीतिक गद्दार तक बता दिया था। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की इस बैठक से पहले ही टीएमसी नेता सुदीप बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी इसमें शामिल नहीं होने वाली है।  दूसरी तरफ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा, हमने विपक्ष की हर पार्टी को आमंत्रित किया था, ताकि संसद का सत्र शुरू होने से पहले विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके, लेकिन ये उनके (टीएमसी) ऊपर है कि वह इसमें शामिल होते हैं या नहीं। कांग्रेस नेता की तरफ से ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब एक दिन पहले ही टीएमसी ने केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लिया था। सोमवार (29 नवंबर) से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. इसपर रविवार को खड़गे ने एएनआई से कहा, ‘मुझे लगता है कि सभी विपक्षी दलों को संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए सोमवार को बैठक में आना चाहिए (Congress Opposition Party Meeting). बैठक में प्राथमिकता वाले मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’ हालांकि कांग्रेस के साथ बढ़ती अनबन के बीच टीएमसी ने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.


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