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हिसार। लॉकडाउन के कारण शैल्टर होम में रहने वाले अलग-अलग जिलों व राज्यों के श्रमिकों को जिला प्रशासन के प्रयासों से हाथ के कामों में हुनरमंद बनाया जा रहा है ताकि उनके जीवन की लड़ाई को आसान बनाया जा सके। हिसार कैंट के पास स्थित शौर्य पैलेस में रहने वाले 87 श्रमिकों को इलेक्ट्रीशियन, पलम्बर, कारपेंटर व एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने श्रमिकों के कौशल विकास प्रशिक्षण का निरीक्षण किया और इनके हौसले की सराहना की।
हिसार जिला उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने बताया की लॉक डाउन के दौरान अन्य जिलों और प्रदेशों के प्रवासियों के रहने- खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है। इन प्रवासी मजदूरों के रहने खाने के लिए शौर्य पैलेस में शैल्टर होम बनाया गया। शैल्टर होम में छोटे बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था के साथ-साथ टेलीविजन आदि की भी व्यवस्था की है। उन्होंने बताया की लॉक डाउन के दौरान मजदूरों के समय का सदुपयोग करते हुए उन्हें हाथ के कार्यों का हुनर दिया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को कौशल विकास की लिए इलैक्ट्रिशियन, प्लम्बर, कारपेंटर और ऐसी मैकेनिक जैसे कार्यों में कुशल बनाया जा रहा है। गवर्नमेंट आईटीआई के शिक्षक प्रतिदिन इन मजदूरों को प्रक्षिक्षण देते है। उन्होंने बताया की लॉक डाउन के बाद जबतक इनका मुख्य व्यवसाय इन्हे मिलेगा तबतक इस कौशल का प्रयोग करते हुए आजीविका कमाने में आसानी होगी।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था के लिए 7 शैल्टर होम बनाए हैं। अब प्रवासी मजदूरों को उनकी प्रदेश सरकार वापस ले जा चुकी है। शैल्टर होम में कम संख्या में रह रहे प्रवासियों को एक जगह इकठ्ठा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार उनके लिए बेहतर व्यवस्था कर सकती है और संसाधनों का सदुपयोग होगा।
---PTC NEWS----