कोर्ट का आदेश, किसानों को मुआवजा नहीं देने पर ऊना रेलवे स्टेशन होगा नीलाम
ऊना। (संदीप खड़वाल) हिमाचल प्रदेश के ऊना में अदालत ने रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण मामले पर भूमि मालिकों को पैसा नहीं दिए जाने के कारण ऊना रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी नीलाम किए जाने का आदेश जारी किया है। अदालत ने 12 प्रभावित परिवारों के 3 मामलों में सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया! रेलवे द्वारा इन मामलों में लाखों रुपए का मुआवजा इन प्रभावित परिवारों को देना है। अदालत ने नीलामी के लिए रेलवे द्वारा दी गई सूची में से रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी को नीलामी के लिए चयन किया। अदालत ने नीलामी की प्रक्रिया के लिए ऊना तहसीलदार को अधिकारी नियुक्त किया है। [caption id="attachment_381110" align="aligncenter" width="700"] कोर्ट का आदेश, किसानों को मुआवजा नहीं देने पर ऊना रेलवे स्टेशन होगा नीलाम[/caption] इससे पूर्व अदालत के आदेश के बावजूद रेलवे ने कई बार कोर्ट में पैसा जमा करवाये जाने के लिए समय मांगा, लेकिन हर बार रेलवे अपने ही किये वायदे पर खरा नहीं उतरा और पैसा जमा नहीं करवाए! जिसके बाद अब अदालत ने 3 मामलों में ऊना के 12 प्रभावित परिवारों की सुनवाई करते हुए रेलवे को जमकर फटकार लगायी। अदालत ने रेलवे के लापरवाह रुख का हवाला देते हुए अपने कड़े निर्णय के तहत ऊना रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी को नीलाम किये जाने का आदेश दिया। अदालत ने इस नीलामी से आए पैसे से प्रभावित किसानों का पैसा चुकता किये जाने का आदेश दिया! अदालत ने नीलामी के लिए रेलवे से उसकी सम्पत्ति की सूची मांगी थी, जिसके बाद रेलवे द्वारा दी गई सूची में से रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी को नीलामी के लिए चयन किया। अदालत ने नीलामी की प्रक्रिया के लिए ऊना तहसीलदार को इसका अधिकारी नियुक्त किया है। नियुक्त अधिकारी 2 मामलों में 6 फरवरी को और 18 फरवरी को अदालत को रिपोर्ट करेंगे। जिसके बाद फरवरी में ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि से प्रभावितों के बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। [caption id="attachment_381111" align="aligncenter" width="700"] कोर्ट का आदेश, किसानों को मुआवजा नहीं देने पर ऊना रेलवे स्टेशन होगा नीलाम[/caption] जानकारी के मुताबिक ऊना के त्यूड़ी, बसाल व चुरड़ू के कुछ किसानों की भूमि का रेलवे ने लाइन बिछाने के के लिए अधिग्रहण किया गया था। इस भूमि के उचित दाम न मिलने पर प्रभावित लोगों ने रेलवे के खिलाफ अदालत में अपील की थी। अदालत ने रेलवे को भूमि की वर्तमान दरों के आधार पर मुआवजा दिए जाने के निर्देश दिए थे। रेलवे की ओर से शिमला हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। जहां हाई कोर्ट ने ऊना की निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखते हुए फिर से मामले को जिला न्यायालय में भेज दिया था। अदालत ने रेलवे की इस पूरी संपत्ति को अटैच कर दिया था। इसके बाद अदालत ने अब इस भूमि की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं। अदालत द्वारा राजस्व विभाग को इस भूमि की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कराने के लिए सहयोग करने को कहा गया है। आदेशों के मुताबिक अदालत की निगरानी में इस भूमि की नीलामी होगी और उसमें प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। यह भी पढ़ें: साइबर सेल को मिली सफलता, गुमशुदा और चोरी किए 20 महंगे फोन किए बरामद ---PTC NEWS---