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संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड

Written by  Arvind Kumar -- January 18th 2021 09:35 AM -- Updated: January 18th 2021 09:39 AM
संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड

संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड

नई दिल्ली। BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मेल मुलाकात महंगा पड़ गया है। उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा ने सस्पेंड कर दिया है। 19 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में भी गुरनाम हिस्सा नहीं लेंगे। जानकारी के मुताबिक राजनीतिक गतिविधियों में चढ़ूनी के हिस्सा लेने से संयुक्त किसान मोर्चा नाराज है। इसी के चलते चढूनी को किसान मोर्चा की कमेटी और केंद्र सरकार से बात करने वाली कमेटी से बाहर किया गया है। [caption id="attachment_467011" align="aligncenter" width="696"]BKU President Gurnam Singh Chadhuni संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड[/caption] सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरनाम सिंह को संयुक्त किसान मोर्चा की अनुशासन कमेटी के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा और अगर कमेटी को पक्ष सही नहीं लगता तो कमेटी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। यह भी पढ़ें- आंदोलन को तेजी देने के लिए एकमंच पर आएंगी विपक्षी पार्टियां, जन संसद का होगा आयोजन [caption id="attachment_467013" align="aligncenter" width="696"]BKU President Gurnam Singh Chadhuni संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड[/caption] बता दें कि पिछले कल ही गुरनाम सिंह ने किसानों के आंदोलन को और तेजी देने के लिए देश विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी और उन्हें एक प्लेटफार्म पर लाने की बात कही थी। यह भी पढ़ें- कोवैक्सिन फैक्ट शीट, जानिए वैक्सीन लगाने के रिस्क और फायदे? [caption id="attachment_467012" align="aligncenter" width="696"]BKU President Gurnam Singh Chadhuni संयुक्त किसान मोर्चा ने BKU के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को किया सस्पेंड[/caption] गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों की अहम भूमिका है। इसके लिए विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर इकट्ठा करेंगे। जिसका नाम जन संसद रखा गया है। इसमें राजनीतिक पार्टियां तय करेंगी कि उनका इन कानूनों को लेकर क्या विचार है। सभी पार्टियां मिलकर विचार करेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन अराजनीतिक है इसलिए अलग से विपक्षी पार्टियां एकमंच पर आकर कृषि कानूनों पर अपने विचार रखेंगी और सरकार पर अपना दबाव बनाएंगी।


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