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लखनऊ। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की खास अदालत ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह घटना अचानक हुई थी। कोर्ट ने माना कि 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था।
विवादित ढांचा विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 1 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। आज इस मामले पर कोर्ट ने फैसला सुना दिया।
आज सभी आरोपियों को अदालत में रहने का आदेश दिया गया था। इस मामले में भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है।
बता दें कि करीब 28 साल पहले 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी। इसे लेकर 6 दिसंबर 1992 को फैजाबाद में दो एफआईआर दर्ज हुई।
एक एफआईआर में 'लाखों कारसेवकों' के खिलाफ केस दर्ज हुआ। वहीं दूसरी एफआईआर में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बाल ठाकरे, उमा भारती सहित 48 के खिलाफ षड्यंत्र का केस दर्ज किया गया।
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