पहाड़ों पर भी अभी से छूटने लगे पसीने, मार्च में टूटे कई रिकॉर्ड...अप्रैल में भी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत
देश के उत्तरी राज्यों में मार्च महीने में ही गर्मी का कहर देखने को मिला था और अब अप्रैल में कई रिकॉर्ड टूट सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों में अप्रैल के पहले सप्ताह में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि सर्द रातों के लिए मशहूर शिमला में भी तापमान में काफी इजाफा हुआ है। शिमला में 17 मार्च को रात को तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक हो गया था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। शिमला में कभी भी रात के वक्त इतना ज्यादा तापमान नहीं रहा। 22 मार्च, 2010 को तापमान 16।5 डिग्री सेल्सियस था, जो अधिकतम था। इस लिहाज से देखें तो इस बार के मार्च की रातें शिमला में सबसे ज्यादा गर्म रही हैं। मार्च महीने में जहां पहाड़ों पर मौसम सर्द बना रहता था। वहीं, इस बार मार्च महीने में कई सालों के रिकॉर्ड टूट (Highest temperature recorded in Himachal) गए हैं। मार्च माह में तापमान सामान्य से काफी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। 31 मार्च को ऊना में दस साल बाद 39 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा सोलन सहित अन्य शहरों में भी तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 14 साल बाद मार्च में सबसे कम बादल बरसे हैं। साथ ही मार्च महीने में लाहौल स्पीति के केलांग, कांगड़ा, धर्मशाला, सोलन, मनाली (Manali) और शिमला में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शुक्रवार को भी प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय जिलों में लू (Heat Wave) चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। यही नहीं धर्मशाला में भी तापमान में तेजी से इजाफा हो रहा है। धर्मशाला में 29 मार्च को तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इसके अलावा 30 तारीख को यह 32.8 सेल्सियस तक था। मनाली में भी तापमान में तेजी से इजाफा हुआ है, जो फिलहाल 27 डिग्री सेल्सियस तक चल रहा है। इससे पहले 2004 में ही इतना तापमान था। वहीं, अप्रैल महीने में भी इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के आसार बन गए हैं। प्रदेश में आगमी दस दिन मौसम साफ (Weather in Himachal) बना रहेगा। जिससे तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग द्वारा मैदानी इलाकों में लू का अलर्ट (Heat wave alert in Himachal) भी जारी किया गया है। ऐसे में आगमी दिनों में भी भीषण गर्मी से फिलहाल राहत मिलने के आसार कम है।