सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर के बारे सरकार से पूछा सवाल, बच्चे संक्रमित हुए तो क्या करेंगे?
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की थर्ड वेव के बार में अभी से चेता दिया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी थर्ड वेव की वैज्ञानिकों की बात को गंभीरता से लिया है और सरकार से इससे निपटने की कार्ययोजना के बारे में सवाल पूछा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड फेस शुरू हो सकता है अगर बच्चे इनफेक्ट होते है तो मां बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे। क्या प्लान है? टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए सोचा जाना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि आपको एक राष्ट्रीय नीति बनाने की ज़रूरत है। आप सिर्फ आज की स्थिति को देख रहे हैं लेकिन हम भविष्य को देख रहे है उसके लिए आपके पास क्या प्लान है? सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा कि कोरोना संकट में दिल्ली समेत देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही केन्द्र सरकार से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने का एक्शन प्लान मांगा है। यह भी पढ़ें- DRDO की तकनीक से दिल्ली व हरियाणा में तैयार होगी ऑक्सीजन यह भी पढ़ें- हिमाचल में 16 मई तक लगा कोरोना कर्फ्यू उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ने का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है। ऐसे में इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। हालांकि अभी यह नहीं का जा सकता कि यह लहर कब आएगी और इसका कितना असर होगा।