आंदोलन के 100 दिन, किसानों ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर की नाकाबंदी
नई दिल्ली। आज किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो गए हैं। किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 100 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं लेकिन अभी तक किसानों और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में अब किसानों ने अपना आंदोलन और तेज करने की रणनीति बनाई है। इसी के तहत आज किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे पर 5 घंटे की नाकाबंदी की।
आंदोलन के 100 दिन, किसानों ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर की नाकाबंदी
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा कि सोई हुई सरकार को जगाने का हमारे पास ये ही रास्ता बचा है। दिल्ली के चारों तरफ जो बॉर्डर हैं उन्हें हमें सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक जाम करेंगे।
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आंदोलन के 100 दिन, किसानों ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर की नाकाबंदी
वहीं 8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा। देश भर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल पर 8 मार्च को महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी। एसकेएम ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।
आंदोलन के 100 दिन, किसानों ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर की नाकाबंदी
बता दें कि किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार किसानों की इस मांग पर सहमत नहीं है। सरकार कानून में कुछ हद तक संशोधन के लिए तैयार है। इसी गतिरोध के चलते आंदोलन लंबा खिंचता जा रहा है और अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है।