हमारे परिवार के मुखिया थे प्रकाश सिंह बादल , हमसे था अटूट रिश्ता- अभय चौटाला

अभय सिंह चौटाला ने प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक प्रकट किया है। अभय चौटाला ने प्रकाश सिंह बादल को किसानों का मुखिया कहा है।

By  Rahul Rana April 26th 2023 01:41 PM -- Updated: April 26th 2023 02:01 PM

ब्यूरो: इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की जिला स्तरीय बैठकें और परिवर्तन पदयात्रा के कार्यक्रमों को बुधवार और वीरवार 2 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।  


पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे सरदार प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक प्रकट करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल किसानों के मसीहा और राजनीति के पुराने सबसे बड़े खिलाड़ी थे। उनका निधन न केवल हमारे परिवार के लिए बल्कि किसानों और समूचे देश के लिए बेहद दुख की बात है। वह हमारे परिवार के मुखिया थे। उनके निधन से मन बेहद दुखी हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दशकों से सरदार प्रकाश सिंह बादल का हमारे परिवार से अटूट रिश्ता रहा है। 


अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वो परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और इस दुख की घड़ी में इंडियन नेशनल लोकदल का हर कार्यकर्ता सरदार प्रकाश सिंह बादल परिवार के साथ खड़ा है। इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला और अभय चौटाला कल प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।


2 दिन के लिए कार्यक्रम किए स्थगित




अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस दुखद घटना के चलते इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की जिला स्तरीय बैठकें और परिवर्तन पदयात्रा के कार्यक्रमों को बुधवार और वीरवार 2 दिन के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरदार प्रकाश सिंह बादल ने सदैव ही किसान, मजदूर, दलित एवं वंचित वर्ग की भलाई के लिए काम किए। उन्होंने कहा कि उनके दादा चौधरी देवी लाल और सरदार प्रकाश सिंह बादल ने मिलकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने के लिए लंबा संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान उनके दादा चौधरी देवीलाल और सरदार प्रकाश सिंह बादल 19 महीने तक जेल में रहे। 



वहीं दूसरी तरफ ओम प्रकाश चौटाला का कहना है कि आजाद भारत में सबसे ज्यादा यातनाएं सहने वाला कोई नेता था तो वह प्रकाश सिंह बादल थे । जब वह तमिलनाडु की जेल में थे। मैं उस वक्त सांसद और मेरे पिता मुख्यमंत्री थे । इसके बावजूद मुझे मिलने नहीं दिया गया था। जिसके बाद कुछ सामान जेल अधिकारियों को देकर हमें लौटना पड़ा था। 

 

Related Post