रतन टाटा के बेस्ट फ्रेंड शांतनु नायडू उनसे 55 साल छोटे, जानें कैसे बने थे टाटा के दोस्त, भावुक होकर लिखा जो खालीपन पैदा कर दिया....

टाटा ग्रुप के चेयरमैन दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वह एक विश्व प्रसिद्ध बिजनेसमैन थे, लेकिन एक महान बिजनेसमैन होने के बावजूद वह अक्सर शांतनु नायडु से सलाह लेते थे, जो उनसे उम्र में काफी छोटे थे। शांतनु नायडु 31 साल के हैं और वह उनके सहायक रहे हैं।

By  Md Saif October 10th 2024 12:37 PM -- Updated: October 10th 2024 12:39 PM

ब्यूरो:  Ratan Tata's best friend Shantanu Naidu: टाटा ग्रुप के चेयरमैन दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वह एक विश्व प्रसिद्ध बिजनेसमैन थे, लेकिन एक महान बिजनेसमैन होने के बावजूद वह अक्सर शांतनु नायडु से सलाह लेते थे, जो उनसे उम्र में काफी छोटे थे। शांतनु नायडु 31 साल के हैं और वह उनके सहायक रहे हैं। नायडू ने रतन टाटा के साथ अपनी एक फोटो शेयर करते हुए लिंक्डन पर लिखा "इस दोस्ती ने अब मेरे अंदर जो खालीपन पैदा कर दिया है, मैं उसे भरने की कोशिश में अपनी पूरी ज़िंदगी बिता दूँगा। प्यार के लिए दुख ही कीमत है। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस ????"




कौन हैं 31 साल के शांतनु नायडु  

रतन टाटा का 31 साल के शांतनु नायडु के साथ जुड़ाव रहा है। लेकिन उनका शांतनु के साथ कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। बल्कि रतन टाटा ने उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर खुद फोन करके कहा था कि "मेरे असिस्टेंट बनोगे।" 31 साल के शांतनु नायडु का जन्म 1993 में महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था।




शांतनु नायडू बेहद लोकप्रिय हैं  


टाटा ट्रस्ट के डिप्टी जनरल मैनेजर के तौर पर शांतनु नायडू देशभर में काफी लोकप्रिय हैं। वह एक प्रसिद्ध भारतीय व्यवसायी, इंजीनियर, एसोसिएट, सीईओ, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, लेखक और उद्यमी हैं। शांतनु नायडू ने बिजनेस इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल किया है जिसका सपना कई लोग हमेशा देखते हैं।  



शांतनु नायडु जून 2017 से ही टाटा ट्रस्ट के लिए काम कर रहे हैं। रतन टाटा ने उनके फेसबुक पोस्ट को पढ़ने के बाद उन्हें एक मीटिंग के लिए बुलाया था, जहां उन्होंने आवारा कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टर के साथ बनाए गए डॉग कॉलर के बारे में लिखा था ताकि ड्राइवर उन्हें मुंबई की सड़कों पर देख सकें। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, शांतनु जून 2017 से टाटा ट्रस्ट में काम कर रहे हैं। इसके अलावा, नायडू ने टाटा एलेक्सी में डिजाइन इंजीनियर के रूप में भी काम किया है।




शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती जानवरों के प्रति उनके साझा प्रेम से पैदा हुई थी। उनकी मुलाकात 2014 में हुई थी जब नायडू रात में आवारा कुत्तों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाए थे। उनकी पहल से प्रभावित होकर टाटा संस के मानद चेयरमैन ने नायडू को अपने लिए काम करने के लिए आमंत्रित किया। 2016 में शांतनु नायडू ने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए पूरा किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने और 2018 में घर लौटने के बाद से टाटा ट्रस्ट के ऑफिस में डिप्टी जनरल मैनेजर के रूप में शामिल हो गए।


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