हिमाचल कैबिनेट मीटिंग : 17 फरवरी से खुलेंगे 1 से 8वीं तक के स्कूल, एनपीएस कर्मचारियों-पेंशनभोगियों को भी तोहफा

By  Vinod Kumar February 14th 2022 06:15 PM -- Updated: February 14th 2022 06:20 PM

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी 17 फरवरी से स्कूल आएंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल का यह फैसला शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन दोनों स्कूलों पर लागू होगा। 9 से 12वीं तक के बच्चों के लिए एक हफ्ते पहले ही स्कूल खोले जा चुके हैं।

हिमाचल प्रदेश में सभी शैक्षणिक संस्थान, जिम और सिनेमा हॉल को भी 17 फरवरी से खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने 1 जनवरी 2016 से प्रदेश के लगभग पौने दो लाख पेंशनरों को संशोधित पेंशन देने और 1 जुलाई 2021 से 31 फीसदी डीए देने का भी निर्णय लिया है। एनपीएस को लेकर केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना पर भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है,जबकि न्यूनतम पेंशन 3500 से बढ़ाकर 9000 करने को मंजूरी दी है।

Coronavirus update: Himachal Pradesh govt decides to reopen schools for classes 1-7

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्रस्तुति के बाद मंत्रिमंडल ने 17 फरवरी से पहली कक्षा से आठवीं तक के स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी स्कूल खुलेंगे। इसके अलावा जिम, सिनेमा हॉल लंगर भी खोल दिए जाएंगे।

Himachal cabinet has decided to open schools from 1st to 8th from 17th February

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को 1 फरवरी 2022 से रिवाइज्ड पेंशन दी जाएगी। वहीं, न्यूनतम पेंशन अब 35 सौ से बढ़कर 9 हजार किया गया है। इसके अलावा ग्रैच्युटी को 10 से बढ़ाकर 20 लाख किया गया है जो एनपीएस कर्मचारियों को भी मिलेगी। पेंशन संशोधित होने से 1785 करोड़ का बोझ प्रदेश सरकार पर पड़ेगा। बैठक में बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने 50 नई एम्बुलेंस खरीदने की अनुमति दी है।

Himachal cabinet has decided to open schools from 1st to 8th from 17th February

इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश लघु खनिज रियायत एवं गैरकानूनी खनन निषेध नियम, 2015 को संशोधित करने की स्वीकृति दी गई। इस नियम में बदलाव के बाद पत्थर व बालू जैसे लघु खनिजों की उपलब्धता बढ़ पाएगी. इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में मिलेगा।

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