पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ से कंप्रेहिंसिव मोबिलिटी प्लान को सैद्धांतिक मंजूरी मिली

चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने आज हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच अहम बैठक बुलाई। इस बैठक का एजेंडा बुधवार दोपहर बाद ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेज दिया गया था।

By  Shivesh jha March 16th 2023 02:03 PM -- Updated: March 16th 2023 02:46 PM

चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने आज हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच अहम बैठक बुलाई। इस बैठक का एजेंडा बुधवार दोपहर बाद ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेज दिया गया था। बैठक में कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक में चंडीगढ़ की ओर से प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल, परिवहन सचिव नितिन यादव, निदेशक प्रद्युम्न सिंह सहित अन्य भी मौजूद रहेंगे। बैठक में चंडीगढ़ समेत ट्राईसिटी में बढ़ते ट्रैफिक जाम को खत्म करने पर चर्चा हुई। हालांकि पंजाब के सीएम भगवंत मान के संगरूर दौरे के चलते उनके मंत्री अनमोल गगनजीत मान बैठक में शामिल थे

बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जीरकपुर को मेट्रो के माध्यम से पिंजौर कालका से जोड़ा जाए। इन रूटों को मेट्रो के पहले चरण में ही शामिल किया जाना चाहिए। पहले चरण में ही महत्वपूर्ण जगहों को जोड़ने से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी सुगम हो जाएगी। मेट्रो विस्तार में नए पंचकूला का क्षेत्र शामिल होना चाहिए।

रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज (राइट्स) ने चंडीगढ़ ट्रैफिक के लिए व्यापक मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार किया है। इस योजना में मेट्रो चलाने के अलावा कई जगहों पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने समेत कई सुझाव दिए गए हैं। यूटी प्रशासन ने इस योजना पर आम सहमति बनाने के लिए यह बैठक आयोजित की है।

राइट्स ने मेट्रो को 64 किमी नेटवर्क पर दो चरणों में चलाने का सुझाव दिया है। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में ट्राईसिटी में मेट्रो को दो चरणों में 64 किलोमीटर के नेटवर्क पर चलाने की बात कही है। पहले चरण में सिर्फ चंडीगढ़ और दूसरे चरण में मोहाली और पंचकूला को भी जोड़ने की बात कही गई है। पहले चरण में चंडीगढ़ में तीन कॉरिडोर के साथ 44.8 किलोमीटर के क्षेत्र में मेट्रो चलाई जानी है। जिसमें 16 किलोमीटर मेट्रो भूमिगत होगी, जबकि 28.8 किलोमीटर एलिवेटेड होगी।

इसी तरह दूसरे चरण के तहत मोहाली में 13 किलोमीटर के क्षेत्र में मेट्रो लाइन का विस्तार करने की बात कही गई है, जबकि पंचकूला में 6.5 किलोमीटर के क्षेत्र में मेट्रो चलाने की सिफारिश की गई है। यह पूरी तरह से एलिवेटेड होगा। रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रो के चलने से लोगों को सुविधा होगी और ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी।

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