-20 डिग्री में भूख हड़ताल पर 'थ्री इडियट' फिल्म के असली रेंचो, समर्थन देने वाले पर्यटक पर FIR
पिघलते ग्लेशियर की तरफ देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिक्षाविद और पर्यावरण संकेतक सोनम वांगचुक -20 डिग्री तापमान में अनशन पर बैठे। उन्होंने 26 जनवरी से पांच दिन के लिए 18 हजार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर खारदुंगला पर अनशन शुरू करने का एलान किया था पर भारी वर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हैं। ऐसे में उन्होंने अपने संस्थान एचएआईएल में खुले में अनशन शुरू किया है। इसे उन्होंने क्लाइमेट फ़ास्ट का नाम दिया है।
ग्लोबल वॉर्मिंग एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघल रहे हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए दुनिया के कई देश एक मंच पर भी नजर आए हैं। एक दूसरे के साथ कई समझौते किए गए हैं। पेरिस जलवायु समझौता, क्योटो प्रोटोकॉल इसमें प्रमुख हैं।
पिघलते ग्लेशियर की तरफ देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिक्षाविद और पर्यावरण संकेतक सोनम वांगचुक -20 डिग्री तापमान में अनशन पर बैठे। उन्होंने 26 जनवरी से पांच दिन के लिए 18 हजार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर खारदुंगला पर अनशन शुरू करने का एलान किया था पर भारी वर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हैं। ऐसे में उन्होंने अपने संस्थान एचएआईएल में खुले में अनशन शुरू किया है। इसे उन्होंने क्लाइमेट फ़ास्ट का नाम दिया है।
वांगचुक का समर्थन करने पर विदेशी पर्यटकों पर एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि पर्यटकों के नाम और संख्या नहीं बताई गई है। पुलिस के अनुसार सोनम वांगचुक ने 26 जनवरी से खारदुंगला दर्रे पर खुले आसमान तले जलवायु अनशन का एलान किया था, जिसे प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।
28 जनवरी की दोपहर 12 बजे उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि लद्दाख सरकार चाहती है कि मैं इस बांड पर साइन करूं। इसमें लिखा है कि मैं एक महीने तक कोई बयान न दूं या किसी सार्वजनिक बैठकों में हिस्सा न लूं। कृपया सलाह दें, यह कितना सही है? क्या मैं खुद को चुप रखूं? मुझे गिरफ्तारी से फर्क नहीं पड़ता।
क्लाइमेट फास्ट के बारे में वांगचुक ने कहा, पांच दिवसीय क्लाइमेट फास्ट पर बैठने का पहला कारण लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की अपील करना है। दूसरा कारण यह है कि हमारे ग्लेशियर और पर्यावरण केवल सरकार द्वारा ही संरक्षित नहीं किया जा सकता है। इसलिए मैं भारत के लोगों और वास्तव में दुनिया से अपील करता हूं कि वे मुझसे जुड़ें और अपनी जीवन शैली को बदलने का संकल्प लें।
आपको बता दें सोनम वांगचुक एक टीचर हैं. इन्हीं से प्रेरित होकर ‘3-इडियट्स’ के रैंचो का किरदार आमिर खान ने निभाया था। 1966 में जन्मे सोनम वांगचुक एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के निदेशक हैं। उन्हें वर्ष 2018 में मैगसेसे पुरस्कार मिल चुका है। लद्दाख में उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की थी, जिसका परिसर सौर ऊर्जा पर चलता है और खाना पकाने, रोशनी या हीटिंग के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं करता है।