छोटे स्कूलों को बंद करके शिक्षा को महंगा करना चाहती है सरकार: डॉ कुलभूषण शर्मा

By  Vinod Kumar December 16th 2022 05:20 PM

चंडीगढ़/अभिषेक तक्षक: निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेलने के आरोप लगाए।

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये के कारण हरियाणा के करीब 5000 स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं, जिनमें 2000 से अधिक स्कूल वह स्कूल हैं जो अस्थाई मान्यता प्राप्त हैंI  हर साल सरकार इन्हें एक साल की एक्सटेंशन प्रदान कर दी जाती थी, ताकि वो अपने नियम पूरे कर सकें। इस वर्ष सरकार ने इन स्कूलों की मान्यता की अवधि न बढ़ाने से इनमें पढ़ने वाले 5 लाख बच्चों के भविष्य पर अंधकार के बादल छा गए हैं।

उन्होंने कहा की कोरोना महामारी के चपेट की आर्थिक मंदी से प्राइवेट स्कूल निकलने की ही कोशिश कर रहे थे की सरकार ने उन की मान्यता की अवधि ना बढ़ाकर उनको मरने के लिए और उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेसहारा छोड़ दिया हैI

कुलभूषण शर्मा ने कहा की सरकार अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर छोटे स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के नियमों का हवाला देकर बंद करना चाहती है, जबकि सरकार के खुद के स्कूल आरटीई के नियमों की पालना नहीं करते हैI उन्होंने खुद के द्वारा डाली गई RTI का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा में बहुत से सरकारी स्कूल भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के नियमों पर खरा नहीं उतरते फिर सरकार इस प्रकार की कार्रवाई सिर्फ छोटे-छोटे प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ ही क्यों करना चाहती है।

उन्होंने प्राइवेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों में प्रवेश को लेकर भेदभाव होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा की सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन दाखिला करने पर ओटीपी सरकारी स्कूल के मुखिया के फोन पर जाता है, जबकि प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश करने पर ओटीपी अभिभावकों के फोन पर जाता है, जिससे प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों को प्रवेश देने में दिक्कत हो रही है। 

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