Karnataka Hijab Controversy: हिजाब पहनने वाली छात्रों के लिए अलग कमरा, कक्षा में नहीं होगी एंट्री

By  Vinod Kumar February 7th 2022 02:12 PM

Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब विवाद के बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई है। एक निजी समाचार एजेंसी के मुताबिक, कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज (PU college in the Kundapura) में हिजाब पहनी छात्राओं (Hijab-clad students) को कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई, हालांकि, इन छात्राओं को अलग-अलग कक्षाओं में बैठने को कहा गया है, लेकिन क्लास में एंट्री उन्हें तभी मिलेगी जब वह अपने हिजाब को उतारेंगी और तय यूनिफॉर्म में क्लास अटेंड करेंगी।

हिजाब पहनने वाली छात्रों को अलग कमरे में पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा ताकि फिर से किसी प्रकार का नया विवाद न हो। दरअसल, उडुपी जिले में कुंडापुर के कई जूनियर कॉलेज में ‘हिजाब-भगवा शॉल’ विवाद सोमवार को भी जारी रहा और दो कॉलेज के छात्रों ने राज्य सरकार या संबंधित प्रबंधन द्वारा निर्धारित वर्दी को अनिवार्य करने वाले सरकारी आदेश की अवहेलना करने की कोशिश की।

कुंडापुर के वेंकटरमण कॉलेज के छात्रों का एक समूह सोमवार को भगवा शॉल पहने जुलूस निकालते हुए परिसर पहुंचा। कॉलेज के प्राचार्य और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। छात्रों ने कहा कि यदि छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाएगी, तो वे भी शॉल पहनेंगे।

बता देंकर्नाटक में हिजाब पहनने पर विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में उडुपी जिले से हुई थी। यहां के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छात्राओं के समूह को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया था। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्होंने यह फैसला ड्रेस में समानता के मकसद से लिया है। इसके बाद राज्य के विभिन्न जिलों में यह विवाद बढ़ता चला गया। कई छात्र हिजाब के विरोध में भगवा गमछा को ओढ़कर संस्थानों में पहुंचने लगे।

शनिवार को कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा ने अपने समर्थकों के साथ इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद रविवार रात को पुलिस ने हथियार ले जा रहे लोगों को कॉलेज के करीब से गिरफ्तार किया था। आरोपी रज्जाब और हाजी अब्दुल माजिद के पास से धारदार हथियार मिले थे। इनके कुछ साथ ही फरार है।

वहीं, शनिवार को ही राज्य शिक्षा विभाग ने अहम दिशा-निर्देश जारी किए थे। शिक्षा विभाग ने अपने बयान में कहा है कि सभी सरकारी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा घोषित यूनिफॉर्म ड्रेस कोड का पालन करें। वहीं, निजी संस्थानों के छात्र स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की गई ड्रेस कोड का पालन करें। अगर वहां कोई ड्रेस कोड नहीं है तो छात्र ऐसी पोशाकों को पहनें जो समानता, अखंडता और कानून व्यवस्था को प्रभावित न करें।

Related Post