हरियाणा में शिक्षा का सूरत-ए-हाल, स्कूल में बच्चे 83, पढ़ाने वाला एक भी नहीं

By  Arvind Kumar December 9th 2019 03:18 PM

नूह। (ऐके बघेल) सरकार द्वारा मेवात जिले में बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के दावे तो किए जाते हैं लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। ताजा उदाहरण नगीना का करहेड़ा मिडिल स्कूल का है। यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है।

प्राइमरी स्कूल में भी 4 शिक्षकों की कमी है। यहां 200 से अधिक बच्चों को पढ़ने के लिए सिर्फ 5 प्राइमरी शिक्षक हैं। जबकि मिडिल क्लास के लिए एक भी टीचर नहीं है। 5 प्राइमरी शिक्षकों में से एक शिक्षक को अस्थाई तौर पर मिडिल स्कूल के 83 बच्चों को पढ़ाने का अस्थाई कार्यभार सौंपा गया है। इस लचर व्यवस्था को लेकर समाजसेवी राजुदीन कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पा रहा है।

School Without Teacher 2 हरियाणा में शिक्षा का सूरत-ए-हाल, स्कूल में बच्चे 83, पढ़ाने वाला एक भी नहीं

समाजसेवी राजुद्दीन ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय में 83 बच्चे हैं। इनमें 60 फ़ीसदी लड़कियां हैं फिर भी शिक्षक नहीं। लंबे वक्त से करीब 6 टीचर के पद रिक्त पड़े हैं। वहीं प्राइमरी टीचर दयाराम ने कहा कि मिडिल स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी अध्यापक नहीं है। मजबूरी में प्राइमरी अध्यापक को अस्थाई तौर पर लगाया गया है। लेकिन वह भी बच्चों को पूर्ण रूप से पढ़ाई नहीं करा पा रहे हैं।

School Without Teacher 2 हरियाणा में शिक्षा का सूरत-ए-हाल, स्कूल में बच्चे 83, पढ़ाने वाला एक भी नहीं

खंड शिक्षा अधिकारी नगीना हयात खान ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी है जिसके बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। लेकिन अभी तक कोई भी अध्यापक नहीं है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए यहां पर अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।

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वहीं मिडिल क्लास में पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि अध्यापक नहीं होने की वजह से उनकी पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही है। किसी भी सब्जेक्ट का कोई भी अध्यापक नहीं है। जो प्राइमरी अध्यापक लगाए गए हैं। वह सब्जेक्ट पढ़ाने में असमर्थ हैं। उन्हें लग रहा है कि अब हमारा भविष्य अंधकार में हैं।

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