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यूपी में माफिया की 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति की जब्त, अपराधी या तो जेल में है या फिर मारा गया: सीएम योगी

Written by  Vinod Kumar -- October 21st 2022 12:08 PM -- Updated: October 21st 2022 12:09 PM
यूपी में माफिया की 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति की जब्त, अपराधी या तो जेल में है या फिर मारा गया: सीएम योगी

यूपी में माफिया की 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति की जब्त, अपराधी या तो जेल में है या फिर मारा गया: सीएम योगी

लखनऊ/जय कृष्णा: पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में संविधान के अनुसार कानून का राज बनाये रखने में उत्तर प्रदेश पुलिस के योगदान की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति और पुलिस की सक्रियता का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध समाप्त हो गया है। ऐसे अपराधी या तो जेल में बंद हैं अथवा गिरफ्तारी के दौरान मारे गए। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं-बालिकाएं, कमजोर वर्ग और व्यापारी आज सुकून से हैं। हर पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हो रहा है। समाज में समरसता है। पुलिस स्मृति दिवस के खास मौके पर पुलिस के वीर जवानों के साहस, शौर्य और बलिदान को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों को अब तक मिल रहे 200 रुपये साइकल भत्ता को बढाकर 500 रुपये मोटरसाइकल भत्ता देने की घोषणा की है साथ ही पुलिस विभाग को भी ई-पेंशन पोर्टल की सेवाओं का उपहार दिया। दीवाली से ठीक पहले पुलिस के जवानों के बीच मौजूद मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की सहूलियत को देखते हुए 5,00,000 से अधिक के चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति की स्वीकृति पुलिस महानिदेशक स्तर से होने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अभी तक इसके लिए शासन स्तर पर कार्रवाई होती थी, जिससे अनावश्यक विलम्ब होता था, अब ऐसा नहीं होगा। सीएम योगी ने कहा कि 2021-22 में उत्तर प्रदेश के 07 जांबाज पुलिसकर्मी कर्तव्य की वेदी पर शहीद हो गए। शहीदों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री शहीद पुलिसकमियों के आश्रितों को आश्वस्त किया कि सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी हर संभव मदद करेगी। सीएम ने कहा कि हमारे पुलिस बल ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपना काम जारी रखा है। कोरोना के बीच अभूतपूर्व परिश्रम कर जहां एक पर नियमों का पालन किया, वहीं मानवता की मिसाल भी पेश की। कोरोना पॉजिटिव भी हुए लेकिन सेवापथ नहीं छोड़ा। इस दौरान 45 पुलिसकर्मियों का देहांत भी हुआ, जिनके परिजनों को नियमानुसार नौकरी व 22 करोड़ 50 लाख रुपये का का भुगतान भी किया गया। यही नहीं, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, भारतीय सेना आदि में सेवारत उत्तर प्रदेश मूल के शहीद 581 जवानों के आश्रितों को 141.9 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई। मुठभेड़ में मारे गए 166 दुर्दांत अपराधी उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस की कोशिशों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा किअपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए अब तक 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई है। यहां अब बेटियों के लिए स्कूल अथवा गरीबों के लिए घर बन रहे हैं। सीएम ने कहा कि 30 मार्च 2017 से 13 अक्टूबर 2022 तक प्रदेश भर 166 दुर्दांत अपराधी मारे गए, जबकि 4453 घायल हुए। 58,648 पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई और 807 पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई। 50 कुख्यात माफियाओं और उनके सदस्यों की लगभग 2268 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई। इसमें 01 माफिया व उसके 08 साथी मुठभेड़ में मारे भी गए। 39 को आजीवन कारावास की सजा हुई है तो प्रभावी अभियोजन करते हुए 02 को फांसी की सजा दिलाई गई। इसी अवधि में हमारे 13 जवान शहीद भी हुए। एक वर्ष में शहीद हुए 07 पुलिसकर्मी 1 सितंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 की अवधि में कर्तव्य की बेदी पर देश में 264 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। इनमें उत्तर प्रदेश के 07 पुलिसजन क्रमशः उपनिरीक्षक वीरेन्द्र नाथ मिश्रा, उपनिरीक्षक कादिर खाँ, मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे, आरक्षी सर्वेश कुमार, आरक्षी सुमित कुमार, आरक्षी ललित कुमार एवं आरक्षी मनीष कुमार सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पालन में आत्म बलिदान करने वाले इन वीरों के पराक्रम से प्रदेश का सम्पूर्ण पुलिस बल गौरवान्वित है


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