हिमाचल प्रदेश की बिजली परियोजनाओं को 10 मार्च से राज्य सरकार को देना होगा वाटर सेस
हिमाचल प्रदेश की बिजली परियोजनाओं को 10 मार्च से राज्य सरकार को वाटर सेस देना होगा। पनबिजली परियोजनाओं से वाटर सेस वसूल कर सरकार को 1000 करोड़ अलाना आय की उम्मीद है। फिलहाल सरकार एक अध्यादेश के तहत वाटर सेस वसूलेगी।
राज्य की हालिया हुई मंत्रीमंडल की बैठक में विधानसभा बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश जल उपकर जलविद्युत उत्पादन विधेयक 2023 पेश करने की मंजूरी दी गई है। इस विधेयक के लागू होने के बाद राज्य सरकार प्रति घनमीटर 0.10 रुपये से 0.50 रुपये प्रति घनमीटर तक वाटर सेस वसूलेगी। यह सेस वसूलने के लिए सरकार एक अलग आयोग बनाएगी। इसमें अध्यक्ष सहित कुल चार सदस्य रखे जाएंगे।
इस आयोग के ये सदस्य प्रशासनिक अनुभव के आधार पर नियुक्त किए जाएंगे। प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार को हर साल करीब 1000 करोड़ की आय होगी। सरकार वाटर सेस लगाने के लिए पहले ही एक अध्यादेश ला चुकी है। अब विधानसभा के बजट सत्र में बिल लाकर इसका कानून बनाया जाएगा।
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