चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिए सदन में प्रस्ताव पेश, डिप्टी सीएम बोले मोहाली पर भी हमारा हक
विधानसभा के विशेष सत्र में चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पेश किया गया है। गौर रहे कि एक अप्रैल को पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव पारित किया था कि चंडीगढ़ पर पंजाब का हक है और इसे पूरी तरह से पंजाब को सौंपा जाए। सदन में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब ऐसा कोई कदम ना उठाए, जिससे मौजूदा संतुलन बिगड़े। जब तक पंजाब पुनर्गठन से उपजे मुद्दों का समाधान न हो जाए, तब तक सद्भाव बना रहना चाहिए। केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में एसवाईएल के निर्माण के लिए उचित उपाय करे। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी में पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की भावना के खिलाफ है। अधिनियम नदी योजनाओं को उत्तराधिकारी पंजाब व हरियाणा राज्यों की सांझा संपत्ति मानता है। वहीं, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी। मोहाली पर भी हरियाणा का हक है। मैं हरियाणा सरकार के लाए प्रस्ताव का समर्थन करता हूं। केंद्र सरकार से इस मामले पर चर्चा करेंगे। हम अपने अधिकार पर डटे हुए हैं। केंद्र से विधानसभा की जमीन के लिए मांग करेंगे। बीबीएमबी में भी हरियाणा का हक है। हम अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे। इसके साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी में भी हरियाणा की कम हिस्सेदारी है। इस मसले पर केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे।