CID सीरियल में मर्डर का सीन देखते सर पर खून हुआ सवार, गला घोंट कर चार साल के जश की कर दी हत्या
करनाल में जश हत्याकांड को पुलिस ने साइको किलिंग बताया है। करनाल के SP गंगाराम पूनिया ने इसका दावा किया है। मामले को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में SP पूनिया ने दावा किया है कि अंजलि के पास जश को मारने की कोई वजह नहीं थी। अंजलि ने उसे न किसी रंजिश में मारा, न ही कोई विवाद था। एसपी ने दावा किया कि वारदात के समय अंजलि सीआईडी सिरियल देख रही थी। इसी दौरान सीरियल में मर्डर का सीन आया और उसे देखते-देखते ही अंजलि ने चार्जर के तार से जश का गला दबा दिया। अंजलि ने एक बार वायर ढीला भी किया और उस समय जश ठीक था। इसके बाद वह डर गई कि घर जाकर जश घटना के बारे में परिजनों को बताएगा तो उसका क्या होगा। इस डर में ही अंजलि ने दोबारा जश का गला दबा दिया और उसकी हत्या कर दी। [caption id="attachment_619862" align="alignnone" width="700"] मास्क में आरोपी अंजलि[/caption] मारकर जश के शव को बैड के नीचे रखा हुआ था। पुलिस ने बैड से लकड़ी के टुकड़े के सैंपल की रिपोर्ट ली, इस पर मानव ब्लड मिला। बैड की चादर बरामद की। जिस बैग में शव डाला गया। उसे बरामद किया। उसकी लैब से जांच रिपोर्ट भी इंसानी खून होने की पुष्टि हुई है। अंजली ने जश की चप्पल, मोबाइल वायर बरामद करवाई। इस पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। अंजलि के साइको होने की स्थिति की जांच एसपी ने बताया कि अंजलि का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कराया गया था, जिनकी रिपोर्ट मिली हैं। संबंधित अस्पतालों में भी अंजलि के बारे में पूछताछ की गई। कल्पना चावला अस्पताल के बोर्ड से भी जांच करवाई गई है। पुराने मेडिकल के इतिहास व बार-बार गुस्सा आना ही अंजलि को साइको बनाता है। बोर्ड ने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट के लिए कई दिनों तक अंजलि को निगरानी में रखना होगा। [caption id="attachment_619863" align="alignnone" width="700"] पिता के साथ जस(फाइल फोटो)[/caption] किसी को बचाना या फंसाना नहीं है, निष्पक्ष जांच करेंगे एसपी पुनिया ने बताया कि पुलिस ने राजेश, अंजलि के पति लवली और अजंलि के फोन को लैब में भेजा है, ताकि अंदर की बात का पता चल सके। अंजलि व लवली के फोन से चैटिंग डिलीट है। यदि जांच में इससे भी अलग कोई पॉइंट सामने आता है, जो अपराध की श्रेणी में आता है तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। हमारा काम निष्पक्ष जांच करना है। किसी को बचाना या फंसाना नहीं है। कोई भी पक्ष हो, यदि पुलिस को लगेगा कि इनको सुरक्षा की जरूरत है तो उसको सुरक्षा दी जाएगी। अगर हत्याकांड में किसी और की भूमिका सामने आती है तो उसे पकड़ा जाएगा। अगर हत्याकांड में कोई ऐसा पॉइंट मिलेगा जो हत्या की वजह हो सकता है तो उस एंगल से भी मामले की जांच की जाएगी। 9 अप्रैल को हुई थी पहली गिरफ्तारी बता दें कि गांव कमालपुर निवासी 5 वर्षीय जश 5 अप्रैल की दोपहर को लापता हो गया था। 6 अप्रैल की सुबह उसका शव पड़ोसियों की टीन की छत पर पड़ा मिला। पुलिस ने परिजनों के शक के आधार पर जश के पिता के ताऊ के बेटे राजेश के परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया। पूछताछ में सामने आया कि सुबह उनके घर अंजलि आई और बोली कि पूरे गांव की चैकिंग हो चुकी है। अब अपने ही कुछ घर बचे हैं। इनकी जांच होगी। तुम भी एक बार अंदर, बाहर ऊपर नजर फेर लो। राजेश की पत्नी धनवंती ने उसकी बात पर अमल करते हुए पूरे घर में छानबीन की। इस दौरान उसे छत पर बैग में जश का शव मिला। वह तुरंत नीचे आई और इस बारे में अपनी सास सौरनदे को बताया, फिर दोनों ऊपर गईं। धनवंती और सौरनदे डर गईं कि बैग यहां है तो हम फंसेंगे। यह सोचकर बैग को दोनों ने पड़ाेसियों की तरफ फेंक दिया। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि अंतिम बार बच्चे को अंजलि के पास देखा गया तो इस आधार पर अंजलि को 9 अप्रैल को हिरासत में लिया गया। अंजलि से प्राथमिक पूछताछ में कुछ बातें पता चलीं, जिस आधार पर उसे गिरफ्तार करके 10 को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 3 दिन का पुलिस रिमांड लिया। इसके बाद 2 दिन रिमांड बढ़ाया गया। 13 अप्रैल को धनवंती व सौरनदे की गिरफ्तारी डाली गई। 14 अप्रैल को दोनों को एक दिन का पुलिस रिमांड लिया गया। 15 अप्रैल को हत्या के आरोप में गिरफ्तार चाची अंजलि, शव खुर्दबुर्द करने वाली ताई धनवंती और दादी सौरनदे काे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हत्या का कारण स्पष्ट नहीं होने के कारण लोगों ने पुलिस कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाया तो एसपी ने प्रेसवार्ता की, लेकिन हत्या का कोई ठोस कारण नहीं बताया।