छात्रों की ट्रैकिंग करेगी हरियाणा सरकार, स्कूल ड्रॉपआउट में कमी लाने की होगी कोशिश
हरियाणा सरकार स्कूल ड्रॉपआउट बच्चों को ट्रैक करेगी। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के आंकड़े जुटाने के बाद ड्रॉप आउट पॉलिसी बनाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की ट्रैकिंग कर यह पता लगाएगा कि बच्चे स्कूल, ITI या किसी दूसरे संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है या नहीं। इस रणनीति से राज्य सरकार को प्रत्येक बच्चों के बारे में पूरा डाटा होगा और अगर किसीकारण से कोई छात्र किसी शिक्षण संस्थान को छोड़ता है तो राज्य सरकार उस छात्र को वापस शिक्षण संस्थान में पहुंचाने का प्रयास करेगी। हरियाणा सरकार ने बच्चों को शिक्षा देने से लेकर उन्हें रोजगार देने के लिए एक नया सिस्टम तैयार किया है। इसके तहत परिवार पहचान पत्र में एकत्रित आंकड़ों को आयु वर्ग के हिसाब से 6 वर्गों में बांटा गया है। हर वर्ग का जिम्मा एक विभाग को सौंपा गया है। हर विभाग आयु वर्ग के अनुसार उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की योजनाओं का लाभ पहुंचाएगा। राज्य में 6 साल तक की आयु के बच्चों का जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई है। विभाग इन बच्चों की एलीमेंट्री एजुकेशन और पोषण पर विशेष ध्यान रखेगा। विभाग हर बच्चे की ट्रैकिंग भी करेगा कि वह बच्चा 6 साल तक की आयु तक घर पर, आंगनवाड़ी में या स्कूल में जा रहा है और उसे जरूरी पोषक आहार उपलब्ध हो रहा है या नहीं। सरकार की ओर से 18 साल से 24 साल आयु वर्ग तक के बच्चों का जिम्मा उच्चतर शिक्षा विभाग और 25 साल से अधिक आयु वर्ग का जिम्मा रोजगार विभाग को सौंपा गया है। ये विभाग युवाओं के रोजगार के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी जोर देंगे।