यूके के कार्यवाहक उप उच्चायुक्त अमन ग्रेवाल ने किया बड़ा दावा, बोले- भारत-यूके FTA साबित होगा एक ऐतिहासिक समझौता

पीटीसी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में ग्रेवाल ने कहा कि ये समझौता दोनों देशों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद रहेगा। उन्होंने कहा कि इस डील से यूके की अर्थव्यवस्था को £4.8 बिलियन का फायदा होगा

By  Baishali July 31st 2025 12:24 PM -- Updated: July 31st 2025 12:29 PM

चंडीगढ़: यूके के कार्यवाहक उप उच्चायुक्त अमन ग्रेवाल का कहना है कि भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) एक ऐतिहासिक समझौता है। उन्होंने इसे भारत का अब तक का सबसे अच्छा व्यापार समझौता और यूके के लिए यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता करार दिया है. 


पीटीसी  न्यूज़ के साथ खास बातचीत में ग्रेवाल ने कहा कि ये समझौता दोनों देशों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद रहेगा। उन्होंने कहा कि इस डील से यूके की अर्थव्यवस्था को £4.8 बिलियन का फायदा होगा, भारत के साथ £25.5 बिलियन सालाना व्यापार बढ़ेगा और £2.2 बिलियन की मजदूरी में बढ़ोतरी होगी।


उन्होंने बताया कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, और ये डील यूके के व्यवसायों को इस तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में पहले से जगह दिलाएगी। श्री ग्रेवाल ने बताया कि आज के अनिश्चित माहौल में ये डील व्यापारियों को भरोसा देती है। यह दिखाता है कि हम खुले, निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार में विश्वास रखते हैं।


उत्तर भारत से यूके के साथ मजबूत होते व्यापारिक रिश्ते


ग्रेवाल ने बताया कि पिछले पांच सालों में यूके सरकार के डिपार्टमेंट फॉर बिज़नेस एंड ट्रेड (DBT) ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से £50 मिलियन से ज्यादा निवेश यूके में करवाया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़, मोहाली, लुधियाना और जालंधर की कई कंपनियों ने हाल के वर्षों में यूके में अपने कारोबार शुरू किए हैं ।


क्षेत्र में यूके के प्रमुख प्रोजेक्ट


हरियाणा में यूके सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर एक Centre of Excellence बना रही है, जो फसल के बाद प्रबंधन और कोल्ड चेन पर काम करेगा। यह भारत में यूके का पहला ऐसा केंद्र होगा, जिसका मकसद खाद्य नुकसान कम करना और कृषि में टिकाऊ तरीके अपनाना है।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक ब्रिटिश कंपनी ने एक स्थानीय फर्म के साथ मिलकर रेडी-टू-ईट मसालों की फैक्ट्री लगाने के लिए निवेश किया है।

मार्च 2024 में, एक स्कॉटिश शराब निर्माता ने हिमाचल में इंडियन सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाने की शुरुआत की है। यह कंपनी स्थानीय जौ और पानी का इस्तेमाल कर रही है और 2027 तक ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूके को निर्यात करने की योजना बना रही है।

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