कई घंटों से हवा में लटकी हैं 48 जिंदगियां, मदद के लिए लिए बुलानी पड़ी सेना
झारखंड के सबसे ऊंचे रोपवे पर हुए हादसे में अभी 48 लोग फंसे हुए हैं। रविवार शाम को 5 बजे त्रिकूट रोपवे की ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं थीं। इसके कारण ये लोग पिछले कई घंटों से ट्रॉलियों के कैबिन में हवा में लटके हुए हैं। देर रात से ही एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया था। इन्हें किसी तरह भोजन-पानी पहुंचाने और निकालने में एनडीआरएफ की टीम जुटी थी। इसके बाद मदद के लिए सेना भी बुलाई गई, लेकिन अभी तक कई लोगों को सुरक्षित वापस लाया नहीं जा सका है। एक व्यक्ति की मौत की खबर भी सामने आ रही है। इधर, रेस्क्यू कर लाए गए 7 घायलों को देवघर सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनमें से एक बच्चे और महिला की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार रामनवमी को लेकर त्रिकूट रोपवे का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ जुटी थी। रोपवे परिचालन के क्रम में एक तार टूट जाने की वजह से एक ट्रॉली ऊपर में गिर गई जबकि चार-पांच ट्रॉलियां आपस में और पहाड़ के पत्थरों में टकरा गईं, जिससे ट्रॉलियों में बैठे कई यात्री बुरी तरह जख्मी हो गए। कईं ट्रॉलियां हवा में झूलती रहीं हैं। 18 ट्रालियों में फंसे हैं 48 लोग इस हादसे को हुए करीब कई घंटों से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी भी कई लोगों को सुरक्षित निकाला नहीं जा सका है। बताया जा रहा है कि, करीब 18 ट्रॉलियां ऊपर ही फंसी हुई हैं, जिसमें 48 लोग सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे व महिलाएं भी हैं। देर रात तक यात्रियों को सुरक्षित उतारने की कोशिशें जारी थी, लेकिन ऊंचाई के साथ अंधेरा होने के कारण उन्हें निकाल पाना मुश्किल हो रहा था। ऑपरेशन में लगाए गए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर इंडियन एयरफोर्स का कहना है कि, रोपवे हादसे में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। लोग अभी ऊपर ही फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं डीसी देवघर ने हादसे में एक महिला की मौत की पुष्टि की है। एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।