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अडानी समूह पर खट्टर-चौटाला सरकार मेहरबान क्यों, समझौते के बाद भी महंगी बिजली क्यों खरीद रही सरकार: सुरजेवाला

Written by  Vinod Kumar -- April 21st 2022 05:57 PM
अडानी समूह पर खट्टर-चौटाला सरकार मेहरबान क्यों, समझौते के बाद भी महंगी बिजली क्यों खरीद रही सरकार: सुरजेवाला

अडानी समूह पर खट्टर-चौटाला सरकार मेहरबान क्यों, समझौते के बाद भी महंगी बिजली क्यों खरीद रही सरकार: सुरजेवाला

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश के लोग इस भीषण गर्मी में बिजली संकट झेल रहे हैं और हरियाणा में बिजली बनाने के दो बड़ी यूनिट बंद पड़ी हैं। बिजली संकट के लिए खट्टर-चौटाला सरकार को जिम्मेदार बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खेदड़ में एक 600 मेगावाट की एक यूनिट पिछले 19 महीने से और झज्जर में 660 मेगावाट की एक सीएलपी यूनिट पिछले 7-8 महीने से बंद पड़ी है। खट्टर-चौटाला सरकार को यह भी बताना चाहिए की वे 2008 में हरियाणा सरकार के अडानी ग्रुप के साथ हुए दीर्घकालीन समझौता के अनुसार पिछले एक साल से अडानी ग्रुप से 3.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से 1,421 मेगावाट बिजली क्यों नहीं ली जा रही है। [caption id="attachment_595594" align="alignnone" width="700"]Surjewala targets Modi Khattar government on Indians trapped in Ukraine फाइल फोटो।[/caption] सुरजेवाला ने कहा कि सस्ती बिजली के समझौते के बावजूद हरियाणा सरकार अन्य विकल्पों से पांच-छह गुणी महंगी बिजली क्यों खरीद कर प्रदेश की जनता पर बोझ डाल रही है? अडानी समूह पर इस मेहरबानी का कारण क्या है? पिछले आठ सालों में इस सरकार ने प्रदेश में एक भी नया बिजली संयत्र नहीं लगाया पर पानीपत में चार चालु हालत के सरकारी बिजली संयत्र नष्ट कर दिए। यह सरकार 12,175 मेगावाट बिजली की इन्सटॉल्ड कैपेसिटी का दावा करती है पर प्रदेश में केवल 6,000 मेगावाट बिजली क्यों उपलब्ध है? Haryana Manohar-Dushyant government should take back its demonic orders randeep surjewala सरकार को बताना चाहिए की यमुनानगर थर्मल प्लांट में केवल 8 दिन और पानीपत थर्मल में प्लांट में केवल 7 दिन का स्टॉक ही क्यों शेष है और उसकी समुचित सप्लाई उपलब्ध कराने के लिए सरकार क्या कर रही है। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार के कारण 65 लाख घरेलू उपभोक्ता, 6.57 लाख कृषि कनेक्शन उपभोक्ता और 1.16 लाख 16 हजार कई-कई घंटों के घोषित और अघोषित बिजली कट झेल रहे हैं, सरकार स्वयं मानती है की शहरों में तीन से चार घंटे और गांवों में 8 से 10 घंटों तक के कट लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति इससे बहुत ज्यादा भयावह है, जिससे लोग अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर बिजली को लेकर आए दिन प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। लोगों की समस्याओं से पूरी तरह बेख़बर व बेपरवाह भाजपा-जजपा सरकार के लोग एसी कमरों में बैठ जानबूझकर प्रदेश के लोगों को इस भीषण गर्मी में झोंकने का काम कर रहे हैं।


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