Delhi-NCR Air Pollution: पंजाब-हरियाणा सरकार को 'सुप्रीम फटकार', कोर्ट ने कहा- पराली जलाने वालों पर एक्शन लेने से क्यों झिझक रही है सरकार?
ब्यूरो: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच अपने पिछले आदेश को लागू नहीं करने के लिए बुधवार को हरियाणा और पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि दोनों राज्यों ने सर्दियों के महीनों में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार महत्वपूर्ण कारक से निपटने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मुद्दे पर भी पंजाब और हरियाणा सरकारों को फटकारा है।
पराली जलाने वालों पर केस करने से क्यों झिझक रही है सरकार?
कोर्ट ने दोनों राज्यों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अगर उसके आदेश पर अमल नहीं किया गया तो मुख्य सचिव के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि सरकार पराली जलाने वाले लोगों पर मुकदमा चलाने से क्यों झिझक रही है और मामूली जुर्माना लगाकर उन्हें छूट दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि की ओर ध्यान दिलाया और इसे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों की पूर्ण अवहेलना बताया।
कोर्ट ने दिया 1 हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकारते हुए कहा कि हम आपको एक हफ्ते का समय दे रहे हैं। अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो मुख्य सचिव के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव श्री प्रसाद को 23 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए तलब किया।
हरियाणा सरकार के वकील ने क्या कहा?
हरियाणा सरकार के वकील की तरफ से कहा गया कि मैं अपनी ओर से हुई चूक को स्वीकार करता हूं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। अगर मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे। हमारे आदेश पर कुछ नहीं किया गया।
जस्टिस ए.एस. ओका ने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, "हम देखते हैं कि हरियाणा द्वारा प्रस्तुत हलफनामा गैर-अनुपालन के उदाहरणों से भरा पड़ा है। हम आयोग को धारा 14 के तहत राज्य के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देते हैं। मुख्य सचिव श्री प्रसाद को अगले बुधवार को शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया जाता है। आयोग राज्य के अधिकारियों के खिलाफ की गई बलपूर्वक कार्रवाई पर रिपोर्ट देगा। मुख्य सचिव को न केवल गैर-अनुपालन के लिए बल्कि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त उपायों की कमी के लिए भी अदालत को स्पष्टीकरण देना आवश्यक है।"
- PTC NEWS