भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी डिस्ट्रॉयर, दाग सकता है ब्रह्मोस, सुपरसोनिक मिसाइलें
मुंबई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मुंबई में नौसेना को पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत (missile destroyer ship) ‘पी15बी’ आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) नौसेना (Indian Navy) को सौंपा दिया। INS विशाखापट्टनम के शामिल होने से भारतीय नौ सेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ गई है। भारतीय सेना के प्रॉजेक्ट 15B के तहत INS विशाखापत्तनम को बनाया गया है। 2015 में पहली बार इसे पानी में उतारा गया था। इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है। इसकी रफ्तार 55.56 KM प्रतिघंटा है। चार अलग-अलग गैस टर्बाइन इंजन से इसे ताकत मिलेगी। ये डिस्ट्रॉयर उन चार 7,400 टन वजनी स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर्स में से एक हैं जो मझगांव डॉक्स (Mazagon Dock Shipbuilders) पर बनाए जा रहे हैं। जनवरी 2011 में इनका कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। तीन और डिस्ट्रॉयर्स- मुरगांव, इम्फाल और सूरत अगले कुछ सालों में नौसेना को सौंपे जाएंगे। इन चारों से बराक, ब्रह्मोस, ऐंटी-सबमरीन, रॉकेट लॉन्चर और इजरायली बराक मिसाइलें लगी होंगी। चारों को तैयार करने में 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आने वाली है। बढ़ेगी चीन-पाकिस्तान की टेंशन इन चारों के नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की टेंशन बढ़ने वाली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विशाखापट्टनम को सेना को सौंपते हुए रविवार को कहा, 'आज हमारे पास बेहतर मौरा है कि हम देश को स्वदेशी निर्माण के लिए आगे बढ़ाएं। रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि सफलता की यह रफ्तार बनाए रखें। सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।