चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बेल, 139 करोड़ के गबन का है मामला
लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में लालू प्रसाद को दोषी करार दिया गया था। करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस घोटाले पर फैसला सुनाया था, जिसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था। इस मामले में लालू यादव को सश्रम पांच साल की सजा हुई है। इसके साथ ही लालू को 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत ने इस मामले में 39 अन्य लोगों को तीन वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की कैद और एक लाख से दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री पर चारा घोटाले के पांच मामले दर्ज थे और सभी में सजा मिली है। सजा के खिलाफ लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में अपील के साथ जमानत याचिका दायर की थी। आधी सजा काटने और स्वास्थ्य कारणों से लालू प्रसाद ने जमानत मांगी थी। लालू प्रसाद फिलहाल बीमार हैं और दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा है। इस मामले में अब तक 4 बार सुनवाई हो चुकी थी। 4 मार्च को याचिका में त्रुटियां थी, 11 मार्च को लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया गया था, 1 अप्रैल को जज कोर्ट नहीं पहुंचे थे और 8 अप्रैल को CBI ने वक्त मांगा था। अब निचली अदालत से मामले के रिकॉर्ड हाईकोर्ट पहुंच गए हैं साथ ही CBI ने भी अपना जवाब दाखिल कर दिया है। लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद राष्ट्रीय जनता दल की झारखंड इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। आज राष्ट्रीय अध्यक्ष को न्याय मिला है। इसके अलावा लालू प्रसाद के यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि अदालत ने 10 लाख रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है। हम लंबी लड़ाई जीते हैं और अब जब सुनवाई होगी तब देखा जाएगा। बता दें कि सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। ये रुपयों को संदिग्ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था। जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल हैं। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।