बाइडेन के साथ आज वर्चुअल मीटिंग करेंगे PM मोदी, रूस को लेकर दवाब बना सकता है अमेरिका
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को लेकर अमेरिका लगातार यूक्रेन का साथ देता आ रहा है। अमेरिका भारत पर लगातार रूस के खिलाफ जाने का दवाब बनाता आ रहा है, लेकिन भारत ने अपना रुख तटस्थ रखा हुआ है। अमेरिका को भारत का ये रुख पसंद नहीं आ रहा है। समय समय पर अमेरिका भारत को तरह तरह की भौकाली धमकियां देता आ रहा है। इसके अलावा अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और बाकी देशों को भी ऐसा करने की लगातार सलाह दे रहा है। इसी बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच एक वर्चुअल बैठक होगी। जिसमें बाइडेन रूस को लेकर भारत के रुख का जिक्र कर सकते हैं। आज होने वाली इस वर्चुअल बैठक को लेकर यूं तो तमाम अन्य मुद्दे बताए गए हैं, जिन्हें लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा होगी। लेकिन सभी जानकारों का यही कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति रूस का जिक्र कर सकते हैं। साथ ही इस मुलाकात के दौरान भारत पर दबाव बनाने की भी कोशिश हो सकती है कि वो रूस को लेकर अपने रुख को सख्त करें। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि पीएम मोदी और बाइडेन कोरोना महामारी और जलवायु संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन बैठक के दौरान मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने के साथ ही दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत के हालिया घटनाक्रम और पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।' बयान में कहा गया है, 'ऑनलाइन मीटिंग दोनों पक्षों को द्विपक्षीय व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से अपने नियमित और उच्च स्तरीय संपर्क को जारी रखने में सक्षम बनाएगी।' रूस और अमेरिका, दोनों को भारत की नसीहत भारत ने यूक्रेन वॉर पर संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए कुल 10 प्रस्तावों पर वोटिंग में एक बार भी हिस्सा नहीं लिया। हालांकि, वह यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ नाराजगी जाहिर करता रहा है। साथ ही, भारत नाटो के रूस की सीमाओं की तरफ अग्रसर होने के भी विरोध करता है। बाइडेन ने पिछली बार मार्च महीने में क्वाड मीटिंग में मोदी से बात की थी जिसमें अमेरिका ने बातचीत के एजेंडे में रूस-यूक्रेन युद्ध को भी शामिल करने पर जोर दिया था जिसका भारत ने विरोध किया था। उसी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने रूस पर भारत के स्टैंड को ढीला बताया था।