हरियाणा कांग्रेस का बयान: चंडीगढ़ पर हमारा पूरा हक, SYL का पानी जल्द हरियाणा को मिलना चाहिए
चंडीगढ़ के मुद्दे को लेकर पंजाब-हरियाणा दोनों आमने सामने हैं। दोनों चंडीगढ़ के लिए अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने तो चंडीगढ़ को पंजाब को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी विधानसभा में पारित कर दिया है। वहीं, इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार ने भी स्पेशल सेशन बुलाया है। वहीं, इस मामले पर प्रेस वार्ता में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि चंडीगढ़ से प्रदेश के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, इसलिए इस मुद्दे पर जो भी हरियाणा के पक्ष की अनदेखी करेगा वो स्वीकार्य नहीं है। चंडीगढ़ पर हरियाणा का पूरा अधिकार है, कोई भी ताकत चंडीगढ़ को हरियाणा से नहीं छीन सकती है और एसवाईएल का पानी भी जल्द से जल्द हरियाणा को मिलना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब में शामिल करने का प्रस्ताव पारित करने से आम आदमी पार्टी सरकार का हरियाणा विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। हालांकि इस प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी पंजाब विधानसभा में छह बार ऐसे प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। इस प्रस्ताव से आम आदमी पार्टी का हरियाणा के खिलाफ षड्यंत्र रचने का पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी और अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब सरकार का यह प्रस्ताव आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बिना सहमति के नहीं लाया जा सकता है। इस प्रस्ताव को लाने के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी आप सरकार को हरियाणावासी कभी माफ़ नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल हरियाणा आकर हरियाणा के लोगों के साथ खड़े होने की बात करते हैं, मगर हर मुद्दे पर वह हरियाणा के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हरियाणा में पराली जलने के कारण प्रदूषण फैल रहा है। केजरीवाल शुरु से ही नहरी पानी, चंडीगढ़ व अन्य अन्तर्राजीय विषयों पर हरियाणा के खिलाफ खड़े रहे हैं और आगे भी ऐसा ही होना तय है। कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 1966 में पास पंजाब पुर्नगठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ अस्तित्व में आये थे। एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब और 40 प्रतिशत हरियाणा से होंगे। चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबर का हक है। आम आदमी पार्टी हो या भाजपा दोनों ही लगातार हरियाणा प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करती रही हैं। बीते आठ वर्षों से केंद्र और प्रदेश दोनों में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी हरियाणा को एसवाईएल का पानी अभी तक नहीं मिल पाया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी हरियाणा प्रदेश के हक में आ चुका है। वहीं, आज कांग्रेस की बैठक में चंडीगढ़ और एसवाईएल को लेकर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने तीन प्रस्ताव रखे जिनका उपस्थित कार्यकर्ताओं ने दोनों हाथ उठाकर समर्थन किया। इन प्रस्तावों कि एक प्रतिलिपि हरियाणा सीएलपी के नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा को भी भेजी गई है, ताकि 5 अप्रैल को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में इन्हें जोरशोर से उठाया जा सके।