बहादुरगढ़ में शहरी विकास प्राधिकरण का ऑफिस कोर्ट केस में अटैच, कोर्ट ऑर्डर लागू नहीं होने पर हुई कार्रवाई
शहरी विकास प्राधिकरण के ऑफिस को कोर्ट केस में अटैच करने का मामला सामने आया है। 2015 में कोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेश लागू नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई है। सरोज देवी के एग्जीक्यूशन केस में कोर्ट ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के बहादुरगढ़ ऑफिस को कोर्ट केस में अटैच करने के आदेश जारी किये है।
बहादुरगढ़/प्रदीप धनखड़: शहरी विकास प्राधिकरण के ऑफिस को कोर्ट केस में अटैच करने का मामला सामने आया है। 2015 में कोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेश लागू नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई है। सरोज देवी के एग्जीक्यूशन केस में कोर्ट ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के बहादुरगढ़ ऑफिस को कोर्ट केस में अटैच करने के आदेश जारी किये है।
दरअसल बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित प्लॉट नंबर 2036 पर फैक्ट्री बनाने के लिए प्रार्थी ने 2009 में नक्शा पास करवाने के लिए एप्लाई किया था, लेकिन अब तक यह नक्शा एचएसवीपी विभाग की ओर से पास नहीं किया गया है। प्रार्थी गलत तरीके से उन पर लेबर सेस लगाने के मामले में कोर्ट में गया था। 2015 में पीड़ित के पक्ष में कोर्ट ने फैसला भी दे दिया था, लेकिन जब 2020 तक कोर्ट का फैसला एचएसवीपी विभाग लागू नहीं कर पाया तो पीड़ित ने कोर्ट ऑर्डर एग्जीक्यूशन की याचिका दायर की।
इस केस की पैरवी के लिए ना तो बहादुरगढ़ स्थित एचएसवीपी कार्यालय आगे आया और ना ही एचएसवीपी मुख्यालय पंचकूला। ऐसे में कोर्ट में विभाग को एक्स पार्टी बनाते हुए प्रॉपर्टी अटैच करने के आदेश जारी किए हैं, जिसे आज कोर्ट बैलिफ की मौजूदगी में राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में अटैच किया गया है।
प्राथी सरोज देवी के बेटे का कहना है कि उन्हें नक्शा पास करवाकर अपने प्लॉट पर फैक्ट्री बनानी थी। अगर यहां फैक्ट्री लगती तो लोगों को रोजगार भी मिलता, लेकिन विभागीय अधिकारियों की तानाशाही से उन्हें परेशानी का सामना झेलना पड़ा। स्थानीय अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की पालना करने में भी रूचि नहीं दिखाई।
कोर्ट ने फिलहाल हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के बहादुरगढ़ कार्यालय को केस के साथ अटैच किया है। यह कार्यालय सेक्टर 9 में स्थित है और बेशकीमती जमीन पर बनाया गया है। अगर समय रहते विभाग के अधिकारी इस पर ध्यान देते तो यह प्रॉपर्टी अटैच नहीं होती।