मिड डे मील वर्करों को चार महीने से नहीं मिला वेतन, घर का चूल्हा जलना हुआ मुश्किल
गुरूवार को रेवाड़ी के नेहरू पार्क से जिला शिक्षा मौलिक अधिकार कार्यालय तक मिड डे मील वर्करो द्वारा अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मिड डे मील वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने बताया कि पिछले 4 महीनों से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है जिसकी वजह से उनके घर के चूल्हे अब ठंडे पड़ने लगे हैं।

गुरूवार को रेवाड़ी के नेहरू पार्क से जिला शिक्षा मौलिक अधिकार कार्यालय तक मिड डे मील वर्करो द्वारा अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मिड डे मील वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने बताया कि पिछले 4 महीनों से उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है जिसकी वजह से उनके घर के चूल्हे अब ठंडे पड़ने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के राज में आज बेटियों को सड़कों पर उतर कर अपने अधिकारों की जंग लड़नी पड़ रही है। रेवाड़ी जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह को अपनी मांगों का एक मांग पत्र शिक्षा मंत्री के नाम सौंपते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें 12 महीने काम के बदले 10 महीने की पगार दी जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है, अब सरकार को उन्हें 12 महीने काम के बदले 12 महीने का ही मानदेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि छुट्टी होने के बाद उनसे अतिरिक्त काम ना लिया जाए। महीने की हर 7 तारीख को मानदेय भत्ता दिया जाए।
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह सरकारी कर्मचारियों के तहत ही पूरा काम करती हैं इसलिए उन्हें न्यूनतम वेतन के हिसाब से 24000 प्रति माह वेतन का भुगतान किया जाए। मिड डे मील वर्कर कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी भरे शब्दों में ललकारते हुए कहा है कि अगर अब भी सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इसके परिणाम 2024 में उन्हें भुगतने पड़ सकते हैं।