Economic Survey Of Himachal Financial Year 2022-23, आर्थिक सर्वेक्षण का खुलासा, हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी, लेकिन राज्य की विकास दर घटी, इन क्षेत्रों में है विकास दर बढ़ने के आसार

हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 10.4 फीसदी बढ़ी है जबकि राज्य का विकास दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में घटी है।

By  Jainendra Jigyasu March 16th 2023 09:35 PM -- Updated: March 16th 2023 10:24 PM

हिमाचल प्रदेश में  वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में  वित्त वर्ष  2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 10.4 फीसदी बढ़ी है जबकि राज्य का विकास दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में घटी है।

हाल में ही हिमाचल प्रदेश के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण किया गया है। जिसे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू ने बुधवार को सदन में पेश किया था।

आर्थिक सर्वेक्षण के रिपोर्ट के मुताबिक़ हिमाचल प्रदेश में व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 22 हजार 227 रुपये हो गई है। वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय पूरे देश के प्रति व्यक्ति आय की तुलना में 51,607 रूपए अधिक हैं।

हालांकि सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP के मामले में हिमाचल प्रदेश की GDP पूरे देश की GDP की तुलना में 7 फीसदी कम है। रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश का GDP 6.4 फीसदी बताया गया है जोकि हिमाचल प्रदेश के पिछले साल के ग्रोथ रेट 7.6 की तुलना में कम है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय में 20.45 फीसदी की कमी आई है। इसके अनुसार, सड़क, स्कूल, रेल, भवन निर्माण वगैरह के काम के लिए 20.45 फीसदी की कटौती की गई है। 

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक़ वित्त वर्ष 2022-23 में  कृषि, पशुधन,वानिकी और खनन के क्षेत्र में 2.0 फीसदी विकास दर की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। वहीं व्यापार, मरम्मत सेवाएं,रेस्तरां, होटल, रेलवे, परिवहन,  सड़क के क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 6.9 फीसदी बढ़ोतरी की सम्भावना जताई गई है। जबकि ऊर्जा,जलापूर्ति आदि क्षेत्र में पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की सम्भावना व्यक्त की गई है। 

इस इकोनॉमिक के मुताबिक  बीते साल की तुलना राज्य सरकार  कर्मचारियों की सैलरी पर अधिक खर्च कर रही है।  यह राशि  13,273 करोड़ रुपये सालाना से बढ़कर  15,164 रुपये हो गया है। पेंशन की राशि भी 6,500 से बढ़कर 7,790 करोड़ रुपये हो गया है।  पिछले वित्तवर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में  पुराने कर्ज व्याज पर 4,805 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,105 करोड़ हो गए हैं। राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी पर खर्च की जाने वाली राशिं वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में  1226.96 करोड़ से बढ़ कर 1256.84 करोड़ रुपये हो गया है।


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