कैथल : ये है देश का दूसरा रत्न टाटा !, अब तक कर चुका है 35 लाख रुपए से अधिक दान
फकीर चंद ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से गत्ता चुगने का काम कर रहा हैं। वह पैदल ही दुकानों से गत्ता खरीदता है और फिर उसे कबाड़ी को बेच देता है। गत्ता बेचकर उसे जो भी बचता है, उसे वह दान में दे देता है।
कैथल : कहते हैं कि मशहुर बिजनेसमैन रत्न टाटा अपनी कमाई का 60 प्रतिशत गरीबों की मदद में लगाते हैं। लेकिन कैथल में भी रत्न टाटा को टक्कर देने वाला व्यक्ति मिल गया है। हालांकि यह व्यक्ति कोई बड़ा बिजनेसमैन तो नहीं है, लेकिन दिल रत्न टाटा से भी बड़ा रखता है। यह व्यक्ति अपनी 90 प्रतिशत कमाई दान में दे देता है।
इस व्यक्ति का नाम है फकीर चंद जो कैथल के अर्जुन नगर खनौरी रोड बाईपास गली नंबर-1 में बने एक कमरे में रहता है। फकीर चंद 53 साल के हैं। फकीर चंद ने बताया कि वे 5 भाई-बहन थे और किसी की भी शादी नहीं हुई थी। अब वह परिवार में अकेले हैं। कुछ पैसे भाई व बहनों के थे, जो मुझे मिल गए। मैं चाहता तो बैठकर भी पूरी उम्र खा सकता था और सभी आराम कर सकता था, लेकिन मैं मेहनत में विश्वास करता हूं। जब तक मेहनत करता रहूंगा, शरीर भी ठीक रहेगा और शायद जन्म में किए गए पुण्य का फल मुझे अगले जन्म में मिल जाए।

फकीर चंद ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से गत्ता चुगने का काम कर रहा हैं। वह पैदल ही दुकानों से गत्ता खरीदता है और फिर उसे कबाड़ी को बेच देता है। गत्ता बेचकर उसे जो भी बचता है, उसे वह दान में दे देता है। फकीर चंद बताते हैं कि वह एक दिन में 700 से 800 रुपए कमा लेता है। पहले वह उन पैसों को बैंकों में जमा करवा देता है। फिर उसे दान या सामाजिक कार्यों में लगा देते हैं।
फकीर चंद कि इस अमिरियत के लोग भी कायल हैं। फकीर चंद जैसा कोई ही समाज सेवक व दान करने वाला शायद कोई देश में हो। फकीर चंद द्वारा दिए गए दान की बात की जाए तो अब तक फकीर चंद 5 गरीब लड़कियों की शादी करवा चुका है। प्रत्येक लडक़ी को शादी में करीब 75 हजार रुपए का सामान भी दिया।
-इसके अलावा कैथल गोपाल धर्मशाला में भी गऊओं के लिए एक शैड बनवाया, जिस पर करीब 3 लाख रुपए खर्च आया।
-नंदीशाला गऊशाला कैथल में भी गऊओं के शैड के लिए 4 लाख रुपए दान दे चुके हैं।
-नई अनाज मंडी कैथल के नजदीक बनी गऊशाला में भी गऊओं के लिए 4 लाख रुपए दान दे चुके हैं।
-अरुणाय मंदिर पिहोवा में बनी कैथल वालों की धर्मशाला में भी 1 लाख 70 हजार रुपए की लागत से शैड बनवा चुके हैं।
-निर्माणाधीन नीलकंठ मंदिर कैथल में भी फकीर चंद अब तक 12 से 13 लाख रुपए दान दे चुके हैं।
-वृद्ध आश्रम कमेटी चौक कैथल में 2 लाख 30 हजार रुपए से कमरा बनवा चुके हैं।
-खाटू श्याम मंदिर कैथल में भी 3 लाख 60 हजार रुपए से शैड बनवाया है।