हिमाचल में बारिश ने मचाई तबाही, जगह-जगह लैंडस्लाइड से टूटी सड़कें,घरों में आई दरारें, कई मकान करवाए गए खाली

हिमाचल प्रदेश भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य में अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

By  Rahul Rana August 23rd 2023 01:51 PM

ब्यूरो : हिमाचल प्रदेश में “बारिश से हुए नुकसान के कारण राज्य को अब तक 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बारिश से जुड़ी इन घटनाओं में 348 लोगों की जान चली गई, 38 लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।''  यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दी।

हिमाचल में बारिश की अपडेट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों के लिए हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और राज्य में 27 अगस्त तक मानसून का प्रभाव बने रहने की उम्मीद है, जिसके बाद मौसम की स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।


भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण, उपमंडल मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार, धर्मशाला, कांगड़ा जिले में शैक्षणिक संस्थान 23 अगस्त को बंद रहेंगे। बारिश के कारण शिमला जिले में शैक्षणिक संस्थान और आंगनबाड़ियां 23 और 24 अगस्त को बंद रहेंगी।

वर्षा चेतावनी भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने और बढ़ते जल स्तर जैसी संभावित घटनाओं की चेतावनी देती है। हिमाचल प्रदेश के छह जिलों: चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में अचानक बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।

भारी बारिश के कारण सुरक्षा कारणों से परवाणू के निकट चक्की में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।



हिमाचल प्रदेश में 13 अगस्त से 18 अगस्त तक लगातार बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण काफी क्षति हुई और जानमाल की हानि हुई। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सक्रिय रूप से मौसम संबंधी परिवर्तनों की निगरानी कर रहा है और सहायता के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर प्रदान किए हैं।

संभावित जोखिमों से निपटने के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और सड़क बंद होने की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में मशीनरी तैनात करने सहित उपाय लागू किए गए हैं।



मंडी जिले में सड़कों की ताज़ा स्थिति 

1) एनएच 21 मंडी-कुल्लू वाया पंडोह बांध मार्ग विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन और भारी बारिश के कारण अवरुद्ध हो गया।

2) घोड़ा फार्म और नागनाला में भारी बारिश के कारण भूस्खलन के कारण मंडी-कुल्लू वाया कटौला मार्ग अवरुद्ध हो गया।

3) सुंदरनगर-चैलचौक-गोहर-पंडोह सड़क एलएमवी के लिए खुली।

4) एनएच21 मंडी-सुंदरनगर-स्लैपर और देहर रोड के माध्यम से फोरलेन खुला है।

5) मंडी से करसोग वाया रोहांडा सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला, करसोग से रामपुर लूहरी मार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध।

6) मंडी से धरमपुर तक की सड़क कुमरदा में अवरुद्ध है और धरमपुर से सैंडहोल सड़क केवल एलएमवी के लिए मढ़ी के माध्यम से खुली है और धरमपुर से जोगिंदरनगर सड़क केवल एलएमवी के लिए खुली है।

7) मंडी से सरकाघाट सड़क दुर्गापुर में अवरुद्ध है और सरकाघाट से धरमपुर सड़क केवल एलएमवी के लिए पपलोग के रास्ते खुली है।

8) भूस्खलन के कारण एनएच 154 मंडी-जोगिंदरनगर मार्ग मैगल में अवरुद्ध हो गया।

9) नेरचौक-कलखर एलएमवी वाहनों के लिए खुला है और कलखर-रिवालसर रोड केवल एलएमवी के लिए खुला है। मंडी से रिवालसर वाया रंधाड़ा सड़क अवरुद्ध।

10) मंडी से जंजैहली सड़क सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुली है और जंजैहली-करसोग वाया रायगढ़ भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है और जंजैहली से छतरी सड़क मगरू नाला पर अवरुद्ध है।



यहां हुआ नुकसान 

सोलन जिला के सुबाथू में भारी बारिश से सड़क पर सैलाब आ गया है ।

ज्वालामुखी में भी कल शाम से हो रही लगातार वारिस से बनुए द खूह की पुलिया फिर से क्षतिग्रस्त होने की बजह से ज्वालामुखी से नादौन रोड बन्द हो गया हैं। 

भारी बारिश के चलते एन एच 07 चंडीगढ़ देहरादून पर नाहन के पास आम वाला के पास पेड़ गिरने से मार्ग हुआ बन्द। हालांकि प्रशासन द्वारा मौके पर मार्ग खोलने का कार्य जारी है।

शिमला बीसीएस बाई पास में लैंडस्लाइड होने से पेड़ गिरे, सड़क यातायात के लिए बंद, दो से तीन गाड़ियां हल्की क्षतिग्रस्त।

पर्यटन नगरी डलहौजी में भी मानसून की बारिश के बाद पर्यटकों के ना आने का असर देखने को मिल रहा है ।  हालांकि डलहौजी प्रशासन ने भी अपील करते हुए कहा है की डलहौजी सुरक्षित है और यहां पर्यटक आ सकते है । क्योंकि पठानकोट से डलहौजी को आने वाला मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित है । मानसून के चलते डलहौजी में कोई परेशानी भारी बारिश के चलते नहीं हुई है और ना ही कोई जानी माल नुकसान हुआ है । 




प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश के चलते नदी, नाले उफान पर हैं। जगह-जगह से लैंड स्लाइड और पेड़ों के गिरने की खबरें आ रही हैं। मौसम विभाग ने दो दिन और बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान पूर्व CM जयराम ठाकुर ने भी सभी प्रदेशवासियों से अपील कि है की वह अपना ध्यान रखें। अपने परिवार का ध्यान रखें। यात्रा करने से बचे। घर पर रहे और सुरक्षित रहें। 



प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ में आफत की बारिश हो रही है और प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र में तबाही का मंजर लगातार जारी है इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक क्षेत्र में 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। पहाड़ी हल्के की बात की जाए तो रामशहर, साईं, बुवासनी नामक पंचायतों के एक दर्जन गावों का नामोनिशान पूरी तरह मिट चुका है। और लोगों के घर टूट चुके हैं और लोग अपने घरों का सामान उठाकर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हो चुके हैं। गांव के गांव खाली हो गए है। ग्रामीणों ने एक-एक रुपया जोड़कर बनाए अपने सपनों के महल टूटते देख आंखों से आंसू नहीं रुक पा रहे हैं और अब 1000 से ज्यादा प्रभावित लोग या तो सामाजिक संस्थानों में रहने को मजबूर है या फिर अपने रिश्तेदारों के यहां जा चुके हैं।






राजधानी शिमला में भारी बारिश जमकर तबाही मचाती हुई नजर आ रही है। रामनगर के नाले में पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में जा घुसा। इसके बाद लोग डर कर बाहर आ गए। स्थानीय पार्षद कल्याण चंद धीमान खुद ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी नाले में आए मलबे को हटा रहे हैं, ताकि पानी की निकासी हो सके।


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