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सीएम सुक्खू ने किया राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ, आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक अनूठी पहल की हुई शुरुआत

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध जैव-विविधता को और संरक्षित व समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत वन आवरण बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी

Reported by:  Vaishali Chowdhury  Edited by:  Baishali -- August 14th 2025 05:07 PM
सीएम सुक्खू ने किया राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ, आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक अनूठी पहल की हुई शुरुआत

सीएम सुक्खू ने किया राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ, आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक अनूठी पहल की हुई शुरुआत

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला के कनलोग क्षेत्र में 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने देवदार का पौधा रोपित किया। मुख्यमंत्री ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का शुभारंभ भी किया। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े मंत्रीगण और विधायकों से संवाद किया तथा वन संरक्षण व संवर्धन के बारे में विस्तार से चर्चा की।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वन महोत्सव धरती पर जीवन रेखा कहलाए जाने वाले वनों के महत्व को दर्शाता है। इस वर्ष लगभग नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा, इसमें 60 प्रतिशत फलदार पौधे शामिल होंगे।


प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध जैव-विविधता को और संरक्षित व समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत वन आवरण बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। 

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से वन विकास के साथ-साथ जन सहभागिता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इस योजना के तहत वर्ष 2025 से 2030 तक महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह और संयुक्त वन समितियां एक से पांच हेक्टेयर चयनित वन भूमि पर न केवल पौधे लगाएंगी, बल्कि पांच वर्ष तक उनकी देखभाल भी करेंगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की लागत से 1000 से 1500 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण किया जा रहा है। पौधरोपण व पौधों की देखभाल के लिए एक लाख 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भी प्रदान किए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से वित्तीय अनुशासन सुनिश्चत करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वन विभाग की कार्य प्रणाली में आशातीत बदलाव लाया जाए। वन अधिकारी कार्यालय की कार्य प्रणाली के साथ-साथ अपना अधिकांश समय फील्ड में वन विस्तार व संरक्षण को समर्पित करें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी योजनाएं कार्यान्वित कर रही हैं, जिससे ग्रामीणों को उनके घरद्वार पर ही स्वरोजगार मिले और उनकी आर्थिकी भी सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती की पहल की राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जा रही है। 

मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत विभिन्न महिला मंडलों को पौधरोपण के लिए एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता के चेक भी भेंट किए। उन्होंने आजीविकावर्धन गतिविधियों के लिए जाईका परियोजना के तहत भी लाभार्थियों को 50-50 हजार रुपये के चेक भेंट किए। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत और प्रधान मुख्य अरण्यपाल संजय सूद ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और वन विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में विधायक हरीश जनारथा व सुरेश कुमार, महापौर नगर निगम शिमला सुरेन्द्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस गोकुल बुटेल, महाधिवक्ता अनूप रतन, स्थानीय पार्षद आलोक सिंह पठानिया, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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