बजट सत्र का दूसरा दिन, संस्थान बंद किए जाने के खिलाफ विपक्ष का हंगामा, सरकार ने मंजूर किया काम रोको प्रस्ताव
हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र के दूसरा दिन भी विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्ष ने जयराम ठाकुर के कार्यकाल के दौरान खोले गए सस्थानों को बंद किये जाने पर हंगामा शुरू कर दिया, जसकी वजह से प्रश्नकाल बाधित हो गया।

हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र के दूसरा दिन भी विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्ष ने जयराम ठाकुर के कार्यकाल के दौरान खोले गए सस्थानों को बंद किये जाने पर हंगामा शुरू कर दिया, जसकी वजह से प्रश्नकाल बाधित हो गया। विपक्ष ने संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने काम रोको प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नियम 67 के तहत यह प्रस्ताव लाया गया है। सभी सूचीबद्ध कार्यों को रोक कर सदन में केवल एक ही विषय पर चर्चा होगी।
विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष की तरफ से सुखराम चौधरी ने संस्थानों को बन्द करने को लेकर मामला उठाया। नियम 67 के स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग उठाई। उन्होंने बताया की जब वीरभद्र सिंह सरकार 2017 में गई तो साढ़े तीन सौ संस्थान खोल कर गई भाजपा उन्हे बन्द नही किया।
जिस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए जय राम सरकार ने संस्थान खोल दिए जय राम सरकार ने साढ़े चार साल तक दो कॉलेज खोले जबकि चुनावों से पहले 23 कॉलेज खोल दिए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियाँ ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव आपातकाल में ही दिया जाता है। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा दे दी। जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी चर्चा करने पर हामी भर दी। सदन में सभी काम रोक कर नियम 67 के तहत चर्चा शुरू हो गई है।