हिमाचल में तीसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी संस्कृत, स्नातक में दी जाएगी रोगारपरक शिक्षा

हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने तय किया है कि तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए एक ही पुस्तक होगी। शिक्षा बोर्ड सचिव डा. विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा निदेशक से बातचीत में आगामी सत्र में संस्कृत विषय शुरू करने की स्वीकृति मिल गई है।

By  Jainendra Jigyasu March 11th 2023 01:43 PM

हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने तय किया है कि  तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए एक ही पुस्तक होगी। शिक्षा बोर्ड सचिव डा. विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा निदेशक से बातचीत में आगामी सत्र में संस्कृत विषय शुरू करने की स्वीकृति मिल गई है।

बोर्ड ने सुधा नाम की पुस्तक का मुद्रण कर दिया है और इन्हें डिपो में भेजा जा रहा है। इसमें अलग-अलग विषय होंगे, जिन्हें कक्षा के हिसाब से पढ़ाया जाएगा। परीक्षा पांचवीं कक्षा में होगी, लेकिन तीसरी व चौथी कक्षा में इस विषय की मानीटरिंग के लिए विद्यार्थियों के टेस्ट लिए जाएंगे। विद्यार्थियों पर नए विषय का बोझ न पड़े, इसके लिए तीसरी कक्षा से संस्कृत विषय की शब्दावली से शुरूआत होगी। पहला अध्याय शिष्टाचार व दूसरा परिचय होगा। इसमें संस्कृत भाषा में किस प्रकार से व्यक्तिगत परिचय रखा जाता है, के बारे में बताया जाएगा। तीसरे अध्याय में विद्यार्थियों को अक्षर ज्ञान दिया जाएगा।  

 वहीं हिमाचल यूनिवर्सिटी के कुलपति आचार्य सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति की कार्यान्वयन समिति की कार्यशाला हुई। इसमें स्नातक पाठ्यक्रम की रूपरेखा के संबंध में चर्चा हुई। एचपीयू शिमला में स्नातक कक्षाओं का पाठ्यक्रम भी नई शिक्षा नीति के तहत बदलेगा। प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में युवाओं को रोजगार परक शिक्षा मिल सके, इस दिशा में काम करने का निर्देश जारी किया गया है।




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