हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने का रास्ता साफ़, जयराम ठाकुर ने सरकार पर उठाये सवाल

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को सरकार वैध करने जा रही है। जिसको लेकर कैबिनेट मंत्री जगत नेगी ने एक रिपोर्ट विधानसभा सदन पटल पर रखी गई।

By  Rahul Rana September 22nd 2023 06:01 PM

शिमला:  हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को सरकार वैध करने जा रही है। जिसको लेकर कैबिनेट मंत्री जगत नेगी ने एक रिपोर्ट विधानसभा सदन पटल पर रखी गई। अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भांग की खेती को जल्द ही लीगल किया जायेगा। बीते बजट सत्र में भांग की खेती को लीगल करने का मुद्दा सदन में उठाया था। जिसके बाद सरकार ने पक्ष और विपक्ष के विधायकों की राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी बनाने का सदन में एलान किया गया था। सुंदर ठाकुर, हंस राज, जनक राज, सुरेंद्र शौरी व पूर्ण चंद कमेटी के सदस्य हैं।  कमेटी ने राज्य के सभी जिलों का दौरा कर  पंचायत स्तर से जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिए और तीन राज्यों मध्य प्रदेश ,उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर का दौरा कर भांग की खेती को औषधीय और औद्योगिक रुप में अपनाने की बारीकियां की जानकारी ली गई है। अब सदन में रिपोर्ट लाकर हिमाचल सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने की पूरी तैयारी कर ली है। 

जगत सिंह नेगी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उतराखंड सहित अन्य राज्यों  में नशा मुक्त भांग की खेती लीगल है। NDPS एक्ट में भी भांग की खेती पर राज्यों को लीगल करने का अधिकार दिया गया है। भांग की खेती से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृड् करने में मदद मिल सकती है। लेकिन इससे नशे को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति ना हो।  जगत सिंह नेगी ने कहा कि नशा मुक्त भांग की खेती को हिमाचल प्रदेश में लीगल करने से सरकार की आय में भी वृद्धि होगी और और कानून में भी इसका प्रावधान है। सरकार जल्द हिमाचल में भांग की खेती को लीगल कर सकती हैं। भांग की खेती में नशे की मात्रा 0.3 ही होगी। उन्होंने बताया कि भांग की खेती को लेकर Sops तैयार की जायेगी। बीज सरकार देगी खेती पॉली हाउस में होगी खेत में इसका भी प्रावधान किया जायेगा। सरकार पुरा चेक रखेगी की भांग की खेती का नशे में प्रयोग न हो। 

वहीं  दूसरी तरफ विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने हिमाचल में भांग की खेती लीगल करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ पुलिस भांग की खेती को उखाड़ रही है तो दूसरी तरफ़ भांग की खेती को लीगल कर रही है। सरकार नशा मुक्त भांग की खेती करने की बात कह रही है। लेकिन ये कैसे हो पायेगा इस पर सवाल है। दूसरे राज्यों में क्या परिणाम रहे हैं। उस पर जानकारी के अलावा जन भावना का भी ध्यान रखना होगा। 

भांग की खेती से हिमाचल को 18 हजार करोड़ की आय का अनुमान हैं। राज्य के, 2400 एकड़ में अनुमानित भांग की संगठित अवैध खेती होती है। गांजा पुराने हिमाचल के मंडी ,कुल्लू, सिरमौर, शिमला व चंबा के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है। भांग की खेती का इतिहास 12 हज़ार वर्ष पुराना है। भांग का वैसे तो औषधि के रूप में उपयोग की किया जाता रहा है। लेकिन नशे  के रूप में भांग को लेकर हिमाचल के कुछ जिले खासे बदनाम भी हैं। कुल्लू मलाणा जैसे क्षेत्र को तो भांग का हब माना जाता है। 

वैसे भांग का फूल, तना तथा बीज के उत्पादन लिए विशेष लाइसेंस देने का प्रावधान किया जायेगा। यह सब कार्य एक नियंत्रित नीति के तहत होगा।  प्रदेश के अधिकतर घर में बुनाई का कार्य होता है तथा भांग के रेशे से बने उत्पाद बहुत अच्छे और कीमती होते हैं। भांग के रेशे से बनने वाली शॉल 5,000 रुपये तक बिकेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ेगी।

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