हिमाचल के बजट सत्र में जोरदार तकरार के आसार, क्या होंगे तकरार के मुद्दे ?
हिमाचल प्रदेश में कल मंगलवार से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। विधान सभा में 24 दिन चलने वाला यह बजट सत्र कई मायने में खास है।

हिमाचल प्रदेश में कल मंगलवार से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। विधान सभा में 24 दिन चलने वाला यह बजट सत्र कई मायने में खास है। जहाँ यह बजट सत्र मौजूदा कांग्रेस सरकार का यह पहला बजट सत्र होगा, यह सत्र सुख्खू सरकार के विकास नीति का आधार तय करेगा। वहीं राज्य की भाजपा सरकार मात्र तीन महीने के काग्रेस कार्यकाल में आक्रोश रैली के साथ सड़क पर उतर चुकी है। राज्य सरकार द्वारा भाजपा कार्यकाल के तमाम संस्थान बंद किए जाने के कारण भाजपा प्रदेश सरकार पर पहले ही हमलावर है। बजट सत्र में सुख्खू सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने व्यापक रणनीति तैयार की है।
भाजपा काफी समय से प्रदेश के प्रत्येक जिले में आक्रोश रैली कर रही है, इन आक्रोश रैलियों में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। भाजपा सत्र शुरू होने से पहले ने इन इन हस्ताक्षरों को राज्यपाल को सौंपने की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा कई अहम् मुद्दे हैं जिस पर भाजपा राज्य सरकार को निशाने पर ले सकती है।
अहम् मुद्दे जिस पर हो सकता है हंगामा :
राज्य कर्मचारी चयन आयोग का भंग किया जाना :
सुख्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में अनियमितताओं का हवाला देते हुए हमीर पुर स्थित राज्य कर्मचारी आयोग को भंग कर दिया है। लेकिन इसके बाद से राज्य में भर्ती प्रक्रियाएं सुचारू रूप से नहीं हो रही हैं।
नई नियुक्तियों में सरकार की असफलता :
राज्य में कई अधिकारियों के की जगह खाली हैं लेकिन नही नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं, तबादला किये गए अधिकारियों की कई जगहें खाली हैं। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के ही एक विधायक ने अपने क्षेत्र में तबादला किये अधिकारियों की जगह नहीं भरे जाने की वजह से विकास कार्यों में बाधा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से नाराजगी जाहिर किया है।
चुनाव से पहले कांगेस सरकार की 10 सूत्री गारंटियों को लागू करने में असफलता :
चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी की 10 सूत्रीय गारंटियां भी भाजपा ने निशाने पर हो सकती है।
इसके अलावावा, बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों की नियुक्तियों डीजल पर वैट में वृद्धि राज्य की ऋण की देनदारी, स्कूल वर्दी का लाभ कम विद्यार्थियों को दिया जाना। जैसे कुछ अहम् मुद्दे हैं जिस पर बजट सत्र के दौरान हंगामे के आसार हैं ।