कुफरी में अनियंत्रित घोड़ों से पर्यावरण को नुकसान, एनजीटी करेगी जांच

हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित हिल स्टेशन कुफरी में अनियंत्रित घोड़ों और घोड़ा मालिकों की वजह से पर्यावरण के नुकसान का राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण जांच करेगी। इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने एक कमिटी का गठन किया है।

By  Jainendra Jigyasu March 16th 2023 02:54 PM

हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित हिल स्टेशन कुफरी में अनियंत्रित घोड़ों और घोड़ा मालिकों की वजह से पर्यावरण के नुकसान का राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण जांच करेगी। इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने एक कमिटी का गठन किया है।  

दिल्ली के अधिवक्ता शेलेंद्र कुमार यादव ने एनजीटी में दायर अपनी  याचिका में  पर्यटन स्थल कुफरी में घोड़ों की अनियंत्रित आवाजाही से पर्यावरण व वनस्पति की समस्या एनजीटी के सामने रखी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इस क्षेत्र में घोड़ो की अनियंत्रित आवाजाही से देवदार के पेड़ों की जड़ें और छोटे पौधे तबाह हो रहे हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि कुफरी भारत में अंग्रेजों की ओर से अल्पाइन स्कीइंग खेल के लिए विकसित किया जाने वाला पहला स्थान था। यहाँ चारों ओर हरे-भरे देवदार के पेड़ थे।यहां नवंबर के अंत से फरवरी के अंत तक हिमपात होता था, इसलिए यहाँ देश का पहला शीतकालीन स्पोर्ट्स क्लब यहां बनाया गया था। लेकिन दो साल से यहाँ हिमपात कम हुआ है।

याचिकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस क्षेत्र में आठ से 10 वर्ग किलोमीटर के भीतर लगभग 700-800 घोड़े हैं। । सार्वजनिक स्थानों पर घोड़ों की लीद देखी जा सकती है। घोड़ों के मालिकों ने मशीन लगाकर कुफरी की सड़कें  क्षतिग्रस्त की है।  इससे क्षेत्र में जंगल व पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ा रहा है। इस कारण कुफरी में दो साल से कम हिमपात हो रहा है और क्षेत्र में जलस्रोत सूख रहे हैं।

इस याचिका की सुनवाई करते हुए एनजीटी के न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल व न्यायिक सदस्य डा.ए सेंथिल ने डीएफओ शिमला, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन चंडीगढ़, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व उपायुक्त की संयुक्त कमेटी बनाई है। कुफरी का निरीक्षण करने के बाद संयुक्त कमेटी को दो माह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिए हैं।


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