प्रकाश सिंह बादल जिन्होंने कभी भारत के सबसे कम उम्र के सरपंच से लेकर लड़ा सबसे उम्रदराज़ चुनाव, यहां जानें उनका सफ़र

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक सरदार प्रकाश सिंह बादल नहीं रहे । वह 95 वर्ष के थे।

By  Rahul Rana April 26th 2023 12:09 PM

ब्यूरो : अकाली दल के संरक्षक मोहाली के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में थे। रविवार को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 




सरदार प्रकाश सिंह बादल एक बार भारत के सबसे कम उम्र के सरपंच और चुनाव लड़ने वाले सबसे बुजुर्ग, उन्होंने पंजाब में उत्तराधिकार की राजनीति की कोरियोग्राफी की। वह अब तक के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री थे और अपने राज्य के सबसे कम उम्र के और सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री थे।


राजनीति की शुरुआत 

उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की। वे पंजाब की राजनीति में आने से पहले गांव बादल के सरपंच और बाद में ब्लॉक समिति, लंबी के अध्यक्ष थे। वह 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल राजनीतिक दल से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे। बादल ने बीते दिनों कई रिकॉर्ड बनाए। 1952 में बादल गांव से चुने जाने पर वह सबसे कम उम्र के सरपंच थे। बादल वंश अपने पितामह की लंबी पारी से उपजा है। 25 साल की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर विधायक और 43 साल की उम्र में तत्कालीन सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री, बादल सीनियर ने पंजाब की राजनीति में 69 साल बिताए। 



प्रकाश सिंह बादल ने राजनीति की शुरुआत साल 1947 में की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीता। फिर सबसे कम उम्र के सरपंच बने। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में वे फिर से जीते। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशुपालन, डेयरी आदि मंत्री रहे। इसके अलावा 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा वह 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता भी बने। बादल 1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 तक पांच बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। वह 1995 से 2008 तक अकाली दल के अध्यक्ष रहे और एक बार लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। 


राज्य में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बादल देश के चुनावी मैदान में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे, यह बादल का 13वां विधानसभा चुनाव था। चुनाव परिणामों के बाद, बादल शायद ही क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। हालांकि उन्होंने लंबा में अपना थैंक्सगिविंग दौरा शुरू किया था, लेकिन वह भी बीच में ही रद्द कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने या तो बादल गांव में अपने आवास और हरियाणा के बालासर गांव में चंडीगढ़ फार्महाउस में समय बिताया। 



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