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चंडीगढ़। (संजय मल्होत्रा) चौटाला परिवार को राजनैतिक तौर पर दोबारा एकजुट करने के प्रयास सिरे चढ़ते नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले साल हुई गोहाना रैली में जो कुछ हुआ उसके बाद ना केवल परिवार बिखर गया बल्कि राजनैतिक तौर पर भी हाशिए पर चला गया। हाल के लोकसभा चुनावों में परिवार के दोनों दल यानी इनेलो और जेजेपी करीब सभी क्षेत्रों में तीसरे या चौथे नंबर पर रहे।
इन हालतों के बीच प्रदेश की कुछ खापों ने एक बार फिर से पूरे परिवार को एकजुट करने के प्रयास शुरू किए। खाप संगठनों में से अभरे हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के प्रमुख रमेश दलाल ने परिवार को एकजुट करने का बीड़ा उठाया। लेकिन इस प्रयास में रमेश दलाल खुद जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला से भिड़ गए! दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयान दाग रहे हैं और एक दूसरे पर स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
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चौटाला परिवार को एकजुट करने के प्रयासों पर ब्रेक
दुष्यंत चौटाला ने साफ कर दिया है कि सियासी तौर पर चौटाला परिवार का एकजुट हो पाना अब मुमकिन नहीं है! उन्हें रमेश दलाल और उनके साथियों की मंशा पर ही शक है। दुष्यंत का कहना है कि अगर दलाल और उनका मंच सही मायने में एकता का पक्षधर है तो उसे देवीलाल के बेटो रणजीत चौटालe और पोते आदित्य सिंह से भी संपर्क करना चाहिए और पूरे परिवार को एक मंच पर लाना चाहिए। दुष्यंत चौटाला का मानना है कि उन्हें जाल में फंसाने की कोशिश हो रही है। यही वजह है कि जननायक जनता पार्टी ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लढ़ने का ऐलान कर दिया है। पहले 7 उम्मीदवारों के नामों की सूची भी जारी कर दी है।
चौटाला परिवार को एकजुट करने के प्रयासों पर ब्रेक
वहीं दुष्यंत चौटाला के रवैये से रमेश दलाल ने अब उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दलाल का कहना है कि अपनी निजी महत्वकांक्षा के कारण दुष्यंत एकता के प्रयासों में रोड़ा बन रहे हैं। दलाल के मुताबिक इनेलो का परंपरागत मतदाता दोबारा इनेलो के साथ जुड़ रहा है और जेजपा को चुनावों में मुंह की खानी पडे़गी। हालांकि अब तक स्थिति उलटी रही है। युवा नेतृत्व वाली जजेपा इनेलो की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
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---PTC NEWS----
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