Mon, Dec 22, 2025
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हरियाणा कांग्रेस में फूट, एक दूसरे की ही उधेड़ रहे बखियां

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- September 20th 2022 03:13 PM -- Updated: September 21st 2022 12:16 PM
हरियाणा कांग्रेस में फूट, एक दूसरे की ही उधेड़ रहे बखियां

हरियाणा कांग्रेस में फूट, एक दूसरे की ही उधेड़ रहे बखियां

रोहतक/सुरिन्दर: कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने आज नाम लेकर कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि दोनों पिता-पुत्र कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल कर हरियाणा कांग्रेस पर कब्जा करे बैठे हैं और अब तो प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पिता पुत्र की पार्टी बनकर रह गई है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और वे सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस पार्टी में रहकर दोनों का विरोध करेंगे। यही नहीं कृष्णमूर्ति हुड्डा ने तो यह भी ऐलान कर दिया कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा अब दोबारा से संसद का मुंह नहीं देख पाएगा। कांग्रेस डेलिगेट्स की लिस्ट आने के बाद कृष्णमूर्ति हुड्डा गुस्से में नजर आए और उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने गुस्से का इजहार किया। जैसे ही कांग्रेस पार्टी की डेलीगेट्स की लिस्ट आई तो कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। क्योंकि उस लिस्ट में कृष्णमूर्ति हुड्डा का नाम नहीं था। इस गुस्से का इजहार करने के लिए कृष्णमूर्ति हुड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला दी और सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस पर कब्जा करने का आरोप लगा दिए। उन्होंने कहा कि दोनों पिता-पुत्र ने हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस का भट्ठा बैठा दिया है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल कर अपनी मनमर्जी चला रहे हैं और जो पुराने कांग्रेसी हैं उन को दरकिनार किया जा रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और वे कांग्रेस पार्टी में रहकर ही दोनों पिता पुत्रों का खुलकर विरोध करेंगे। यही नहीं दीपेंद्र हुड्डा तो अब संसद का कभी भी मुंह नहीं देख पाएंगे। क्योंकि उन्होंने लोगों के कोई काम नहीं किए हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को केवल सत्ता चाहिए और इसी सत्ता के लिए 1977 से 1980 तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए रेड्डी कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। अगर इसे कोई गलत साबित कर दे तो राजनीति से इस्तीफा दे देंगे।


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