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अब सेरोगेट मदर बनने के लिए इन नियमों का करना होगा पालन, जानिए क्या हैं सरोगेसी नियमन विधेयक 2019

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- December 18th 2021 05:07 PM -- Updated: December 18th 2021 05:13 PM
अब सेरोगेट मदर बनने के लिए इन नियमों का करना होगा पालन, जानिए क्या हैं सरोगेसी नियमन विधेयक 2019

अब सेरोगेट मदर बनने के लिए इन नियमों का करना होगा पालन, जानिए क्या हैं सरोगेसी नियमन विधेयक 2019

नई दिल्ली: संसद ने शुक्रवार को सरोगेसी (नियमन) विधेयक, 2019 (Surrogacy (Regulation) Bill 2019) को मंजूरी दे दी। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा (Lok Sabha) ने इसे ध्वनिमत से पारित किया गया। पिछले सप्ताह राज्यसभा ने इस विधेयक को संशोधनों के साथ पारित कर दिया था और इसे लोकसभा के पास लौटा दिया था। इससे पहले पांच अगस्त, 2019 को लोकसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया था। इसके बाद विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया। लेकिन उच्च सदन ने आगे विचार-विमर्श के लिए विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया। शुक्रवार को लोकसभा ने विधेयक को स्वीकृति दे दी। विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि देश में नियमों के साथ सरोगेसी को मंजूरी देने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही व्यावसायिक सरोगेसी को प्रतिबंधित करने का भी सुझाव दिया गया था। [caption id="attachment_559594" align="alignnone" width="300"]Surrogacy Regulation Bill 2019 Surrogacy Surrogate Mother, सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019, सेरोगेसी, सेरोगेट मां, लोकसभा कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] किराये की कोख की प्रक्रिया और इस काम को नियमित करने के लिए विधेयक में राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्य सरोगेसी बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उचित अधिकारियों की भी नियुक्ति की जाएगी। विधेयक में प्रस्तावित किया गया है कि कम-से-कम पांच साल से कानूनी तौर पर विवाहित भारतीय दंपती को ही किराये की कोख की अनुमति दी जाएगी। विधेयक के अनुसार विवाहित महिलाएं, विधवाएं सरोगेसी का लाभ ले सकती हैं। [caption id="attachment_559596" align="alignnone" width="300"]Surrogacy Regulation Bill 2019 Surrogacy Surrogate Mother, सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019, सेरोगेसी, सेरोगेट मां, लोकसभा कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] तलाकशुदा महिलाएं सहायक जनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) और परिस्थितियों के अनुसार, सरोगेसी का भी लाभ ले सकती हैं। विदेशी दंपतियों को सरोगेसी के लिए कानून का पालन करना होगा। बच्चे में कोई विकार होने पर अब उसे छोड़ा नहीं जा सकेगा। [caption id="attachment_559597" align="alignnone" width="300"]Surrogacy Regulation Bill 2019 Surrogacy Surrogate Mother, सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019, सेरोगेसी, सेरोगेट मां, लोकसभा कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] विधेयक में प्रविधान है कि 23 से 50 साल तक की उम्र की महिलाएं सरोगेसी का रास्ता चुन सकती हैं। सरोगेट मां बनने के लिए महिला को विवाहित होना चाहिए। यह प्रक्रिया मातृत्व धारण करने से संबंधित है अत: इसका वाणिज्यीकरण नहीं होना चाहिए। साथ ही ऐसा प्रविधान किया गया है कि महिला एक बार ही सरोगेट मां बन सकती है। ऐसे में शोषण होने की आशंका भी नहीं होगी। स्पर्म और अंडे दान देने वालों के लिए भी उम्र तय की गई है। पिछले सप्ताह उच्च सदन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि सरोगेट मां का स्वास्थ्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा था कि कोई भी अगर अनैतिक काम करता है तब उसे बख्शा नहीं जा सकता और इस संबंध में सजा का प्रावधान होना ही चाहिए।


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