Sun, May 25, 2025
Whatsapp

हिमाचल के इस गांव का है अपना ही संविधान, नशे के लिए है बदनाम, नहीं आ सकते बाहर के लोग

कुल्लू जिला में पड़ने वाला मलाणा हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा गांव है जो अपने अंदर कई अनसुलझे रहस्य को समेटे हुए है। मालाना गाँव का अपना ही कानून है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Rahul Rana -- July 27th 2023 05:36 PM -- Updated: July 27th 2023 05:38 PM
हिमाचल के इस गांव का है अपना ही संविधान, नशे के लिए है बदनाम, नहीं आ सकते बाहर के लोग

हिमाचल के इस गांव का है अपना ही संविधान, नशे के लिए है बदनाम, नहीं आ सकते बाहर के लोग

ब्यूरो: कुल्लू जिला में पड़ने वाला मलाणा हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा गांव है जो अपने अंदर कई अनसुलझे रहस्य को समेटे हुए है। मालाना गाँव का अपना ही कानून है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लेकिन मलाणा ऐसा गांव है जहां भारत का संविधान नहीं माना जाता बल्कि यहाँ हजारों साल से चली आ रही पुरानी परंपरा को मानते हैं। कहा जाता है कि दुनिया को सबसे पहले लोकतंत्र यहीं से मिला था। प्राचीन काल में इस गांव में कुछ नियम बनाए गए। इन नियमों को बाद में संसदीय प्रणाली में बदल दिया गया। 


इतिहास से जुड़े इनके पास कोई सबूत तो नहीं हैं। लेकिन इनके अनुसार जब सिकंदर भारत पर आक्रमण करने आया था। तो उस दौरान कुछ सैनिकों ने उसकी सेना छोड़ दी थी। इन्हीं सैनिकों ने मलाणा गांव को बसाया था। रहस्यमय इस गांव में बाहरी लोगों के कुछ भी छूने पर पाबंदी है। इसके लिए इनकी ओर से बकायदा नोटिस भी लगाया गया है। जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि किसी भी चीज को छूने पर एक हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। पर्यटकों को अगर कुछ खाने का सामान खरीदना होता है तो वह पैसे दुकान के बाहर रख देते हैं और दुकानदार भी सामान जमीन पर रख देता है। पर्यटक गांव के बाहर अपना टेंट लगाकर रात गुजारते हैं। 

इस गांव की एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि यहां नशे का व्यापार भी खूब फलता-फूलता है। मलाणा गांव की चरस पूरी दुनिया में मशहूर है। जिसे मलाणा क्रीम कहा जाता है। हालांकि भारतीय संविधान के अनुसार चरस की तस्करी करना कानूनी अपराध है। कहा तो यहाँ तक जाता है कि मलाणावासी अकबर को पूजते हैं। यहां साल में एक बार होने वाले ‘फागली’ उत्सव में ये लोग अकबर की पूजा करते हैं। लोगों की मान्यता है कि बादशाह अकबर ने जमलू ऋषि की परीक्षा लेनी चाही थी। जिसके बाद जमलू ऋषि ने दिल्ली में बर्फबारी करवा दी थी। गाँव के लोगों की भाषा में भी कुछ ग्रीक शब्दों का इस्तेमाल भी होता है। 

- PTC NEWS

Top News view more...

Latest News view more...

PTC NETWORK