120 साल पुराने विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक शिमला- कालका रेल मार्ग, 103 सुरंगें, 869 पुल और 919 मोड़,1903 में कालका से शिमला रेलमार्ग की हुई थी शुरुआत
पराक्रम चन्द : शिमला : शिमला- कालका रेल लाइन 120 साल पुराना है। नौ नवंबर, 1903 को कालका से शिमला रेलमार्ग की शुरुआत की गई थी। अपने 120 वर्ष के सफर में यह रेल मार्ग इतिहास संजोए हुए है। यह रेल मार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिविजन के अंतर्गत है। 1864 में अंग्रेजों ने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया और ट्रक बनाया गया। उसके बाद आजतक ये पटरी एक इंच आगे नही बढ़ सकी।
1896 में इस रेलमार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग हरियाणा के कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी लंबे इस रेलमार्ग में छोटे बड़े 18 स्टेशन हैं. कालका-शिमला रेल को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।
कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं । बडोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई किमी है। रेलगाड़ी इसको पार करने में अढ़ाई मिनट का समय लेती है। इस रेलमार्ग पर 869 छोटे बड़े पुल हैं। पूरी लाइन पर 919 घुमाव हैं. तीखे मोड़ों पर रेलगाड़ी 48 डिग्री के कोण पर घूमती है। इस नैरोगेज पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है।
कालका-शिमला रेलवे लाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। इसके अलावा आर्च शैली में निर्मित चारमंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं। यह इंडियन रेलवे में आर्च गैलरी के सबसे बेहतर पुलों में शामिल है। इसे यूनेस्को द्वारा छह अगस्त 2003 को ही विश्व धरोहर में शामिल कर दिया था।
कालका-शिमला रेल लाइन में कई फिल्मों की भी शूटिंग हुई है। 1974 में आई सुपरहिट फिल्म दोस्त का गाना गाड़ी बुला रही है भी इसी ट्रैक पर फिल्माया गया। इसके अलावा ऑल इज वेल, जब वी मेट, सनम रे और रमैया वस्तावैया जैसी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
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