11 साल बाद आया फैसला, बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में गोपाल कांडा हुए बरी
ब्यूरो : हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में विधायक गोपाल कांडा को बरी कर दिया गया है। आपको बता दें कि गोपाल कांडा इस केस के मुख्य आरोपी थे। वह प्रदेश के गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। 11 साल बाद फैसला आने के बाद जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने हाथ जोड़े और कुछ नहीं कहा। गौरतलब है कि इस फैसले पर गोपाल कांडा का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ था। अगर उन्हें दोषी ठहराया जाता तो उनका विधायक पद जा सकता था।
यहां जाने पूरा मामला
आपको बता दें कि गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम कर चुकी गीतिका ने 5 अगस्त, 2012 में यहां दिल्ली के अशोक विहार के अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका की मौत के करीब छह महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट में भी लिखा जिसमें इस कदम के लिए कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया गया था।
हालांकि इससे पहले गीतिका सुसाइड मामले को लेकर कांडा को 18 महीनों तक जेल में रहना पड़ा जिसके बाद उन्हें मार्च 2014 में जमानत मिल गई यह जमानत कांडा को उनके सहआरोपी अरुणा चड्ढा को हाई कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर मिली थी।
गीतिका की मौत के करीब 6 महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी बेटी की तरह अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अनुराधा अपनी बेटी की सुनवाई में हो रही देरी को लेकर काफी परेशान रहती थी जिसके चलते उन्होंने भी अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
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