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पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सैनी सरकार की अनोखी मुहिम !

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार सरकार ने राज्य-विशिष्ट योजना लागू की है, जिसके तहत एक ओर जहां किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर पंचायतों को जीरो बर्निंग लक्ष्य दिए जा रहे हैं

Reported by:  BUREAU REPORT  Edited by:  Baishali -- October 28th 2024 05:33 PM
पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सैनी सरकार की अनोखी मुहिम !

पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सैनी सरकार की अनोखी मुहिम !

ब्यूरो: हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार सरकार ने राज्य-विशिष्ट योजना लागू की है, जिसके तहत एक ओर जहां किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर पंचायतों को जीरो बर्निंग लक्ष्य दिए जा रहे हैं, ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लग सके। सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का ही नतीजा है कि इस साल अब तक पराली जलाने की कुल 713 घटनाएं ICAR द्वारा दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल की घटनाओं की तुलना में 29 प्रतिशत कम हैं।

 


सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धान की फसल की कटाई के बाद धान के ठूंठ जलाने के कारण न केवल वायु प्रदूषण होता है बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है और किसानों की स्वास्थ्य पर भी व्यापक असर पड़ता है। इसलिए सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।


सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 28 अक्टूबर, 2024 तक 83,070 किसानों ने 7.11 लाख एकड़ धान क्षेत्र के प्रबंधन के लिए पंजीकरण कराया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2024 है।

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