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हुड्डा बोले- गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों से परेशान है किसान

Written by  Arvind Kumar -- June 23rd 2021 05:06 PM
हुड्डा बोले- गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों से परेशान है किसान

हुड्डा बोले- गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों से परेशान है किसान

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीयत और नीतियों से किसान, मजदूर और आढ़ती का नुकसान हो रहा है। मौजूदा सरकार की नीतियां फसल उत्पादक से लेकर पशुपालक तक हर किसान के लिए हानिकारक साबित हो रही है। क्योंकि सरकार द्वारा आय दुगुनी करने व एमएसपी पर खरीद का वादा भी जुमला साबित हो रहा है। किसानों को मजबूरी में अपनी मक्का 1300 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बेचनी पड़ रही है। जबकि मक्का का एमएसपी 1850 रुपये है। किसानों ने बाकायदा फसल खरीद की पर्ची दिखाकर बताया है कि उन्हें प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपये कम रेट पर फसल बेचनी पड़ रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से किसानों को हो रहे इस नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने गेहूं उत्पादक किसानों के बकाया का भुगतान करने की भी मांग उठाई है। क्योंकि अभी तक किसानों का करोड़ों रुपया सरकार की तरफ बकाया है। हुड्डा ने गेहूं के साथ गन्ने के भुगतान की भी मांग की है। Hooda on Haryana Govtउन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द किसानों को भुगतान करना चाहिए ताकि उन्हें आने वाली फसलों की तैयारी में आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। सरकार ने किसानों के साथ आढ़तियों से भी वादाखिलाफी की है। उन्हें उनकी पूरी आढ़त का भुगतान नहीं किया जा रहा। किसान,मजदूर और आढ़ती अपने जायज पारिश्रमिक के हकदार हैं। इसमें किसी भी तरह की कटौती उनके साथ अन्याय है। Congress Leader Bhupinder Singh Hoodaयह भी पढ़ें- ना मंडी बंद हुई, ना MSP कम हुआ, कृषि को आधुनिक व मजबूत कर रही सरकार: डिप्टी सीएम यह भी पढ़ें- हुड्डा का आरोप- भर्तियां करने की बजाए, रद्द करने में जुटी है सरकार Congress Leader Bhupinder Singh Hooda नेता प्रतिपक्ष ने पशुपालक किसानों से आयी शिकायतों पर कहा कि मौजूदा सरकार में पशु बीमा योजना सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। कांग्रेस सरकार के दौरान बीमा की एवज में पशुपालकों के नुकसान की भरपाई की जाती थी। लेकिन इस सरकार में ना पशुओं का बीमा हो रहा है और ना ही पशुपालकों को कई महीनों से किसी तरह का कोई क्लेम दिया जा रहा है।


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