मानवाधिकारों पर USA को उसी की धरती पर एस जयशंकर ने पढ़ाया पाठ, हर तरफ हो रही चर्चा
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सिखों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच भारत के कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर सवाल उठाने वाले अमेरिका को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। वॉशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को अपने यहां मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की याद दिलाई है। टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन उसके बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मानवाधिकार पर नसीहत देकर भारत को असहज कर दिया। एंटनी ब्लिंकन ने ये कहा कि अमेरिका भारत सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के मामलों की निगरानी कर रहा है। जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पलटवार करते हुए साफ किया कि अमेरिका को लेकर भी हमारी चिंता भी ठीक उसी तरह की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि द्विपक्षीय वार्ता में मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका पर खुद ही मानवाधिकार के मामलों में उल्लंघन के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि निजी हित, लॉबी और वोटबैंक के जरिए अमेरिकी स्थिति संचालित की जा रही है। [caption id="attachment_499737" align="alignnone" width="1200"] [/caption] उन्होंने कहा कि जब भी इस पर चर्चा होगी तो भारत इस पर चुप नहीं रहेगा। मंत्री ने कहा कि अमेरिका सहित मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में भी भारत के विचार हैं। हम मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाते हैं जब वे इस देश में उठते हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित होता है। रूस के साथ ऑयल डील पर जयशंकर का US को जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत रूस से जितना तेल एक महीने में खरीदता है, उतना तेल तो यूरोपीय देश एक दोपहर तक खरीद लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की एक महीने के लिए रूसी तेल की कुल खरीद यूरोप की एक दोपहर की तुलना में कम है। भारत के रूसी तेल के आयात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि अगर आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद को देख रहे हैं तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए।